हिमाचल प्रदेश में कई स्थानों पर भारी बारिश के कारण भूस्खलन और अचानक बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। कई दुकानें बह गईं, इमारतें ढह गईं, राजमार्ग बह गए और आवासीय इलाके जलमग्न हो गए। ब्यास नदी और सुकेती खडड खतरे के निशान को पार कर पुरे उफान पर है। प्रशासन ने लोगों से नदी नालों के नजदीक ना जाने की अपील की है ताकि जानमाल की क्षति ना हो। कई जिलों में सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया गया है।
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कुल्लू में लगातार बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं और राष्ट्रीय राजमार्ग 3 पर राजमार्गों का संपर्क प्रभावित हुआ है। ब्यास नदी में जलस्तर बढ़ने से मनाली के बहांग क्षेत्र में स्थानीय घरों और दुकानों को नुकसान पहुंचा है। मनाली में नदी के उफान पर होने से भूस्खलन के कारण सड़क क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे एक पिकअप वैन बह गई।
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हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोगों से एकजुट रहने और सतर्कता बरतने की अपील की है। उन्होंने एक्स पर लिखा, पिछले कुछ दिनों से हम सब भारी बारिश के चलते कठिन दौर से गुज़र रहे हैं। मुसलसल हो रही बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। कुल्लू-मनाली सहित कई क्षेत्रों में नदी-नाले उफान पर हैं। ब्यास नदी का जलस्तर भी तेज़ी से बढ़ रहा है। बारिश और भूस्खलन के कारण कई स्थानों पर भारी तबाही की ख़बरें सामने आई हैं, जो मन को बहुत व्यथित कर रही हैं। इन परिस्थितियों को देखते हुए प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है। कई ज़िलों में एहतियातन स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया गया है, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस प्रतिकूल समय में मेरा आप सबसे विनम्र आग्रह है कि प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पूरी गंभीरता से पालन करें। मौसम की मौजूदा स्थिति और प्रशासन की एडवाइज़री के अनुसार ही यात्रा करें। नदी-नालों या जोख़िम भरे स्थानों के पास बिल्कुल न जाएँ। प्रदेश सरकार और प्रशासन की टीमें पूरी तत्परता के साथ राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हैं। आपकी सुरक्षा, सुविधा और बचाव ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमारे प्रदेश के लिए यह कठिन समय है, लेकिन हम सब एकजुट होकर प्रार्थना, संवेदनशीलता और सावधानी के बल पर आपदा से अवश्य पार पा सकते हैं।
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पिछले तीन-चार दिनों से लगातार बारीश होने के कारण नदी नाले अपने पुरे उफान पर हैं। ब्यास नदी और सुकेती खडड भी खतरे के निशान के पार बह रही हैं। अधिकारियों के अनुसार मंगलवार तड़के कुल्लू जिले के मनाली में ब्यास नदी की तेज धाराओं ने एक बहुमंजिला होटल और चार दुकानों को बहा दिया। नदी के उफान पर होने से पानी मनाली के आलू मैदान में घुस गया और मनाली-लेह राजमार्ग कई जगहों पर बह गया। कुल्लू में घनवी खड्ड (नाले) का पानी घरों में घुस गया है। ब्यास नदी के उफान पर आने से चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग का भी एक हिस्सा बह गया।
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मंडी जिले के बालीचौकी इलाके में सोमवार देर रात लगभग 40 दुकानों वाली दो इमारतें ढह गईं। इमारत के खतरनाक होने के बाद उसे पहले ही खाली करा लिया गया था, इसलिए कोई हताहत नहीं हुआ। किन्नौर जिले के कांवी में अचानक आई बाढ़ ने तबाही मचाई। विभिन्न ज़िला प्रशासनों ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया है। इस आशय का आदेश मंडी, कांगड़ा, चंबा, ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, सोलन और बंजार, कुल्लू जिला प्रशासन ने सोमवार शाम को जारी किया। शिमला जिला प्रशासन ने मंगलवार सुबह सभी सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया।
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शिमला जिले में सोमवार सुबह से ही भारी बारिश हो रही है। मूसलाधार बारिश के कारण भूस्खलन हुआ और पेड़ उखड़ गए, जिससे कई सड़कें अवरुद्ध हो गईं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान और भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है। हिमाचल में पिछले तीन दिनों से भारी बारीश का क्रम लगताार जारी है। स्थानीय मौसम विभाग ने मंगलवार को कांगड़ा, चंबा और लाहौल एवं स्पीति जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी देते हुए 'रेड' अलर्ट जारी किया है। ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, मंडी और कुल्लू जिलों और शिमला शहर में भारी बारिश के लिए 'ऑरेंज' अलर्ट भी जारी किया गया है।
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राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने बताया कि सोमवार रात तक राज्य की कुल 795 सड़कें बंद थीं और लगभग 956 बिजली आपूर्ति ट्रांसफार्मर और 517 जलापूर्ति योजनाएं बाधित थीं। उसने बताया कि बंद 795 सड़कों में से 289 मंडी जिले में, 214 चंबा में और 132 कुल्लू में हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच)-तीन (मंडी-धर्मपुर रोड) और एनएच-305 (औट-सैंज) भी बंद हैं।
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एसईओसी के अनुसार, 20 जून से 25 अगस्त के बीच हिमाचल प्रदेश में बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम 156 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 38 लापता हैं। एसईओसी के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अब तक 77 बार अचानक बाढ़, 41 बार बादल फटने और 81 बड़े भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। इसके अनुसार, बारिश से संबंधित घटनाओं में राज्य को 2,394 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। हिमाचल प्रदेश में एक जून से 25 अगस्त तक 703.7 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि औसत बारिश 577.9 मिलीमीटर होती है, जो सामान्य से 22 प्रतिशत अधिक है। राज्य में अगस्त में अब तक सामान्य से 44 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है।
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