मिजोरम में पिछले 10 दिनों में भारी बारिश के कारण भूस्खलन, मकान ढहने और अन्य घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई। राज्य के आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के कारण मकान और दीवारें ढहने से चंफाई जिले में तीन और आइजोल तथा सेरछिप जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई।
राज्य के कई स्थानों पर भूस्खलन की 552 घटनाएं हुईं, जबकि इसी दौरान बारिश के कारण 152 मकान ढह गए या क्षतिग्रस्त हो गए। भूस्खलन या दरारों के कारण 198 परिवारों ने अपने घर छोड़ दिए हैं और 92 अन्य ने बाढ़ के कारण अपने घर खाली कर दिए हैं।
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कुल 11 जिलों में से पूर्वी मिजोरम का चंफाई जिला, जो म्यांमा के साथ सीमा साझा करता है, को इस मानसून के दौरान ज्यादा विकट स्थितियों का सामना करना पड़ा है। चंफाई जिले में तीन लोगों की मौत हुई है, भूस्खलन की 209 घटनाएं हुईं, 9 घरों को नुकसान पहुंचा है और 14 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
आंकड़ों के अनुसार सेरछिप जिले में एक व्यक्ति की मौत हुई, भूस्खलन की 75 घटनाएं हुईं , 27 मकान क्षतिग्रस्त हुए तथा 132 परिवारों को अपने मकान छोड़ने पड़े।
इसमें कहा गया है कि आइजोल जिले में भूस्खलन की18 घटनाएं हुईं, जबकि 13 घर ढह गए या क्षतिग्रस्त हो गए और 17 घरों को खाली कर दिया गया।
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इसमें कहा गया है कि खवजॉल जिले में भूस्खलन की 75 घटनाएं, लुंगलेई जिले में 60 और दक्षिण मिजोरम के सियाहा जिले में भूस्खलन की 53 घटनाएं हुईं।
बारिश के कारण सैतुअल जिले को छोड़कर राज्य के सभी स्कूल मंगलवार को बंद रहे। अधिकारियों ने बताया कि दक्षिणी जिलों में आवश्यक वस्तुएं ले जा रहे सौ से अधिक ट्रक सेरछिप में फंसे हुए हैं।
आईएमडी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले तीन दिनों में आइजोल जिले में 253.7 मिमी बारिश हुई, इसके बाद खवजॉल जिले में 248.33 मिमी और सियाहा जिले में इसी अवधि के दौरान 241.5 मिमी बारिश हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले पांच दिनों में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है।
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