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'राजस्थान के ऊर्जा मंत्री पर 2.17 लाख का है बिजली बिल बकाया', सांसद हनुमान बेनीवाल ने लगाए घोटालों के आरोप

बेनीवाल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से सवाल किया, सरकार ने मुझे आवंटित सरकारी आवास के बारे में नोटिस भेजे और नागौर स्थित मेरे सांसद कार्यालय की बिजली काट दी। क्या अब आप ऊर्जा मंत्री का बिजली कनेक्शन भी काटेंगे?

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

राजस्थान के नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने आरोप लगाया है कि राजस्थान के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर पर सरकार का दो लाख रुपये से ज़्यादा का बिजली बिल बकाया है जिसका भुगतान न करने पर उनके घर और पार्टी कार्यालय की बिजली काट दी गई।

उन्होंने नागर पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि स्मार्ट मीटर लगाने के ठेकों में रिश्वतखोरी की भरमार है जो मंत्री और अन्य लोगों तक पहुंच रही थी। बेनीवाल के आरोपों को लेकर मंत्री की टिप्पणी नहीं ली जा सकी।

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राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के नेता बेनीवाल ने पत्रकारों के साथ कुछ कतिपय दस्तावेज साझा किए जिनको लेकर उन्होंने दावा किया कि ये मंत्री के अस्पताल रोड स्थित सरकारी आवास का 2.17 लाख रुपये का बिजली बिल बकाया होने के सबूत हैं। उन्होंने पूछा कि क्या उस बिजली कनेक्शन को भी काटा जाएगा?

बेनीवाल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से सवाल किया, "सरकार ने मुझे आवंटित सरकारी आवास के बारे में नोटिस भेजे और नागौर स्थित मेरे सांसद कार्यालय की बिजली काट दी। क्या अब आप ऊर्जा मंत्री का बिजली कनेक्शन भी काटेंगे?"

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उन्होंने आगे दावा किया कि नागर के ज्योति नगर स्थित फ्लैटों के बकाया बिजली बिलों का भुगतान सरकारी खातों से किया गया, जबकि अस्पताल रोड स्थित बंगले के बिल का भुगतान सरकारी खजाने से करने का प्रयास अस्वीकार कर दिया गया। बेनीवाल ने दावा किया, "राजकोष ने कहा कि सरकार एक मंत्री के लिए केवल एक ही बिल का भुगतान करती है।"

सांसद ने खींवसर से विधायक रेवंत राम डांगा पर भी निशाना साधा और उनके नाम पर बकाया बिल दिखाते हुए आरोप लगाया कि कनेक्शन काटने के नियमों का उल्लंघन करके बिजली कनेक्शन दिए गए। उन्होंने डांगा पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अनियमितताओं और अवैध खनन में संलिप्तता का भी आरोप लगाया।

सब-इंस्पेक्टर भर्ती विवाद का ज़िक्र करते हुए बेनीवाल ने भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर "दोहरे मानदंड" अपनाने का आरोप लगाया और दावा किया कि न्यायपालिका ने अदालत में उसके विरोधाभासी रुख के लिए प्रशासन को "पंगु" कहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नागौर के पुलिस अधीक्षक और पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा क्षेत्र में अवैध बजरी खनन में संलिप्त हैं।

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