देश की राजधानी दिल्ली में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल आज भी जारी है। आपको बता दें, डॉक्टर इमरजेंसी और ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार कर रहे हैं और नीट पीजी काउंसलिंग 2021 में हो रही देरी के कारण हड़ताल पर हैं। डॉक्टरों की केंद्रीय स्वास्थ मंत्री डॉ मनसुख मांडविया से कई दौर की बैठक हो चुकी है लेकिन कोई अब तक इसका कोई हल नहीं निकला है। आलम ये है कि डॉक्टर्स की हड़ताल का खामियाजा मरीजों को झेलना पड़ रहा है।
सफदरजंग अस्पताल में इलाज कराने आए एक मरीज के रिश्तेदार का कहना है कि हमें यहां इलाज कराने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन डॉक्टर COVID19 महामारी के दौरान काम करने के बाद जायज मांगें उठा रहे हैं। आपको बता दें, 17 दिसंबर से रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के डॉक्टर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इसके कारण दिल्ली के 6 सरकारी अस्पतालों में स्वस्थ्य सेवाएं चरमरा गई है। दिल्ली सरकार के सफदरजंग अस्पताल, एलएनजेपी, आरएमएल और लेडी हार्डिंग के डॉक्टर आधिकारिक तौर पर हड़ताल में शामिल हो गए हैं।
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हड़ताल कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों के कम से कम 3 से 5 हजार रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं। उन्होंने ओपीडी और आपातकालीन सेवाओं सहित सभी चिकित्सा सेवाओं से अपना नाम वापस ले लिया है। सफदरजंग अस्पताल आरडीए के अनुसार, उनकी एसोसिएशन में करीब 1800 रेजिडेंट डॉक्टर हैं और उनमें से अधिकांश चल रही हड़ताल में शामिल हो गए हैं।
FORDA की बैठक में रेजिडेंट डॉक्टर्स ने हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया है यह जानकारी SRDA महासचिव अनुज अग्रवाल ने दी है केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने आज फोर्डा के सदस्यों को बातचीत के लिए बुलाया था स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात के बाद फोर्डा के सदस्य डॉमनीष ने कहा कि उन्होंने भरोसा दिया गया है कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान काउंसलिंग की तारीख जल्द आ जाए इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि स्वास्थ्य मंत्री ने दिल्ली पुलिस की तरफ से माफी मांगी हैउन्होंने पुलिस के लाठीचार्ज पर दुख जताया हालांकि पुलिस कह रही थी कि उसने डॉक्टर्स के साथ मारपीट नहीं की।
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