राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज कुमार झा ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग जैसे मौजूदा नियामक तंत्र देश में नफरत फैलाने वाले भाषणों और कृत्यों से निपटने के लिए अपर्याप्त हो गए हैं।
RJD सदस्य ने विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा करने वाले नफरती भाषणों और कृत्यों की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी चीजें कुछ लोगों को प्रसिद्धि दिला रही हैं और नफरत को सामान्य बात बना दिया गया है।
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उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान झा ने संयुक्त राष्ट्र के एक पूर्व महासचिव की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा कि नफरत के कारण ही गैस चैंबर (जर्मनी में नाजी शासनकाल में यहूदियों के नरसंहार के लिए) बना।
बोस्निया, कंबोडिया जैसे देशों का नाम लेते हुए उन्होंने कहा, "मैं अपने देश को इस सूची में नहीं देखना चाहता।" उन्होंने कहा कि आज की वास्तविकता यह है कि लोग चाहते हैं कि त्योहार बिना किसी त्रासदी के, शांतिपूर्ण तरीके से बीत जाए।
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