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केरल: सबरीमाला मंदिर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, कहा, पुरुषों की तरह महिलाओं को भी प्रवेश का अधिकार 

केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर जारी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। महिलाओं के समर्थन में कोर्ट ने कहा है कि पुरुषों की तरह महिलाओं को भी मंदिर में प्रवेश और पूजा करने का अधिकार है।

फोटो: सोशल मीडिया 
फोटो: सोशल मीडिया  सुप्रीम कोर्ट ने कहा, सबरीमाला मंदिर में पुरुषों की तरह महिलाओं को भी प्रवेश का अधिकार

केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। सबरीमाला मंदिर के अंदर 10 साल से लेकर 50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर रोक को लेकर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि देश में निजी मंदिर का कोई सिद्धांत नहीं है, ये सार्वजनिक संपत्ति है। सावर्जनिक संपत्ति में अगर पुरुषों को प्रवेश की इजाजत है तो फिर महिलाओं को भी प्रवेश की इजाजत मिलनी चाहिए। मंदिर खुलता है तो उसमें कोई भी जा सकता है।

Published: 18 Jul 2018, 6:26 PM IST

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, एम खानविल्कर, डीवाई चंद्रचूड़ और इंदू मल्होत्रा की बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही थी। दीपक मिश्रा ने महिलाओं के मंदिर के अंदर प्रवेश करने का समर्थन करते हुए कहा कि किस आधार पर मंदिर महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा रहा है। इंडियन यंग लॉयर्स एसोसिएशन ने एक जनहित याचिका दायर कर सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की इजाजत मांगी थी। इससे पहले केरल हाई कोर्ट ने मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को सही माना था।

Published: 18 Jul 2018, 6:26 PM IST

साल 2015 में केरल सरकार ने महिलाओं के प्रवेश का समर्थन किया था, लेकिन 2017 में उसने अपना रुख बदल दिया था। सरकार के इस स्टैंड पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने सवाल उठाते हुए कहा कि उसने चौथी बार स्टैंड बदला है। मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का बीते दिनों केरल सरकार ने भी विरोध किया था। केरल के मंत्री कड़कमपल्ली सुरेंद्रन ने कहा था कि सबरीमाला मंदिर का प्रशासन त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (टीडीपी) के हाथ में है और इसकी परंपराएं और नियम हर किसी पर लागू होते हैं।

केरल के पत्थनमथिट्टा जिले में पश्चिमी घाट की एक पहाड़ी पर सबरीमाला मंदिर है। महिलाओं के प्रवेश को लेकर इसके प्रबंधन का कहना है कि रजस्वला होने की वजह से 10 से 50 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाएं अपनी व्यक्तिगत शुद्धता बनाये नहीं रख सकती हैं, यही कारण है कि इस वर्ग की महिलाओं का प्रवेश मंदिर में वर्जित है। मंदिर में प्रवेश को लेकर महिलाओं का कहना है कि उन्हें भी पूजा करने का अधिकार मिले। सबरीमाला मंदिर हर साल नवंबर से जनवरी तक श्रद्धालुओं के लिए खुलता है।

Published: 18 Jul 2018, 6:26 PM IST

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Published: 18 Jul 2018, 6:26 PM IST