विश्व प्रसिद्ध धार्मिक नगरी पुरी में जगन्नाथ महोत्सव रथ यात्रा का दूसरा दिन है। ये रथ यात्रा अगले पड़ाव के लिए निकल चुकी है। शनिवार को भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के तीन रथों को खींचने का काम परंपरा के अनुसार आज सुबह 9:30 बजे फिर से शुरू हुआ।
इस रथयात्रा का शुक्रवार शाम 4 बजे शुभारंभ हुआ। पहले भगवान बलभद्र का रथ खींचा गया, फिर सुभद्रा और जगन्नाथ के रथ खींचे गए। भक्तों की भारी भीड़ रही और इस दौरान कुछ लोगों की तबीयत बिगड़ी। इस वजह से रथयात्रा को बीच में ही विश्राम दे दिया गया। अगले दिन यानी शनिवार को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा को आगे बढ़ाया जा रहा है।
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इस रथ यात्रा को सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था और भक्ति का महासागर माना जाता है। लाखों लोग हर साल इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं, जब भगवान स्वयं अपने भक्तों के बीच आते हैं। इस बार पहले साल की तुलना में भक्तों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है।
पूरा शहर भगवान जगन्नाथ की भक्ति में सराबोर है। रथ खींचने के दूसरे दिन का हिस्सा बनने के लिए हजारों लोग पुरी में पहले ही जमा हैं। कार्यक्रम के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ प्रबंधन की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं में उत्साह चरम पर है, और चारों ओर "जय जगन्नाथ" के उद्घोष गूंज रहे हैं।
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भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा पुरी स्थित गुंडिचा मंदिर की ओर बढ़ रही है, जिसे भगवान की मौसी का घर माना जाता है। हर साल भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथों को जगन्नाथ मंदिर से लगभग 2.5 किलोमीटर दूर गुंडिचा मंदिर तक खींचकर लाया जाता है। भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा यहां एक हफ्ते के लिए ठहरेंगे। इसी तरह के जश्न के साथ भगवान वापस जगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह लौटेंगे।
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