आज से शारदीय नवरात्रि शुरू हो गया है। सुबह से ही मंदिरों में माता के दर्शन करने के लिए लोग पहुंच रहे हैं। मंदिर परिसर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है। इस दौरान मां दुर्गा के जयकारे लग रहे हैं।
देशभर में जगह-जगह पर माता रानी के मंदिरों में भक्त पूजा कर रहे हैं। मंदिर में सुबह की आरती में काफी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
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शारदीय नवरात्रि के पहले दिन अयोध्या के देवकाली मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए
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शारदीय नवरात्रि के पहले दिन माता वैष्णो देवी के दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए भक्तों के पहुंचने पर भवन पर फूलों की सुंदर सजावट की गई।
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वाराणसी- शारदीय नवरात्रि के पहले दिन दुर्गाकुंड मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े
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शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मुरादाबाद के काली माता मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे
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शारदीय नवरात्रि के पहले दिन सुबह की पूजा के लिए उज्जैन के हरसिद्धि मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए।
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शारदीय नवरात्रि के नौ दिवसीय उत्सव के आज से शुरू होने पर श्रद्धालु कालकाजी मंदिर में दर्शन करने पहुंचे।
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आपको बता दें, नवरात्री के पहले दिन यानी आज मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है और ऐसा माना जाता है कि आज के दिन मां की सच्चे मन से पूजा करने से माता मनोवांछित फल देती हैं और भक्तों की सारी मनोकामना पूरी करते हैं।
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नवरात्र के 9 दिन भक्ति और साधना के लिए बहुत पवित्र माने गए हैं। इसके पहले दिन शैलपुत्री की पूजा की जाती है। शैलपुत्री हिमालय की पुत्री हैं। हिमालय पर्वतों का राजा है। मां शैलपुत्री को वृषोरूढ़ा, सती, हेमवती, उमा के नाम से भी जाना जाता है। घोर तपस्या करने वाली मां शैलपुत्री सभी पशु-पक्षियों, जीव की रक्षक मानी जाती हैं। नवरात्रि पूजन में पहले दिन इन्हीं का पूजन होता है।
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माता शैलपुत्री को पर्वतराज हिमालय की पुत्री माना गया है। पूर्व जन्म में वे राजा दक्ष की कन्या सती थीं, जिन्होंने भगवान शिव से विवाह किया था। दक्ष द्वारा आयोजित यज्ञ में शिव का अपमान देख सती ने आत्मदाह कर लिया। इसके बाद भगवान शिव ने क्रोधित होकर यज्ञ ध्वस्त कर दिया और सती के शरीर को लेकर विचरण करने लगे। तब भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से उनके शरीर के 51 अंग विभक्त किए, जो शक्तिपीठ कहलाए। इसके उपरांत सती ने हिमालय के घर जन्म लेकर शैलपुत्री के रूप में अवतार लिया।
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इस साल नवरात्रि सोमवार 22 सिंतबर यानी आज से शुरू होकर 1 अक्टूबर तक चलेंगे। इसके बाद दशहरा पर्व 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस साल शारदीय नवरात्रि 9 नहीं, 10 दिन की होगी। तृतीया तिथि का व्रत 24 और 25 सितंबर को रखा जाएगा। इस बार तृतीया तिथि दो दिन रहेगी, जिससे शारदीय नवरात्रि में एक दिन की वृद्धि होगी। नवरात्रि में बढ़ती तिथि को शुभ माना जाता है, जबकि घटती तिथि को अशुभ, नवरात्रि में बढ़ती तिथि शक्ति, उत्साह और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।
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