मणिपुर में जातीय हिंसा के दौर के बाद से जारी शांति बहाली के प्रयासों के बीच राज्य सरकार ने गलत जानकारी या खबर साझा करने या प्रकाशित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की घोषणा की है। सरकार ने कहा है कि ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। राज्य के मुख्य सचिव विनीत जोशी ने मंगलवार को एक अधिसूचना में कहा कि सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में लोगों को मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर जानकारी बनाने या साझा करने में सीधे तौर पर शामिल देखा गया है।
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इसमें कहा गया है कि इस तरह की कई सूचनाएं फर्जी खबरें, झूठ, अफवाहें या गलत सूचना पाई गई हैं और ऐसी गलत सूचना से जनता की राय को गुमराह करने, हिंसा भड़काने और सरकार के खिलाफ विद्रोह करने से राज्य में मौजूदा स्थिति खराब होने की संभावना है। इससे इंसान मरते हैं और संपत्तियों का नुकसान हो रहा है, जबकि राज्य सरकार शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सभी प्रयास कर रही है।
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मुख्य सचिव ने अपनी अधिसूचना में कहा कि कोई भी व्यक्ति देश के कानून से ऊपर नहीं है। यदि वह फर्जी समाचार, झूठ, अफवाह या गलत सूचना उत्पन्न या फैलाता पाया जाता है तो कार्रवाई होगी। इसमें कहा गया, राज्य सरकार उन लोगों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगी, जो मणिपुर में मौजूदा कानून और व्यवस्था की स्थिति को खराब कर सकते हैं, जो गलत जानकारी साझा या प्रकाशित कर रहे हैं।
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अधिसूचना में कहा गया है कि प्रत्येक व्यक्ति, व्यक्तिगत रूप से या व्यक्तियों के किसी समूह की ओर से, मणिपुर राज्य के भीतर या बाहर किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर या किसी भी माध्यम से, भौतिक रूप से या ऑडियो विजुअल के जरिए, किसी भी उपकरण के माध्यम से कोई भी सूचना साझा करने या प्रकाशित करने से पहले सत्यापित करेगा।
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