सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को लद्दाख पर्वतीय विकास परिषद (लद्दाख हिल काउंसिल) के चुनाव की अधिसूचना को रद्द करते हुए नई अधिसूचना जारी करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह फैसला चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस को 'हल' चुनाव चिह्न देने से इनकार करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर दिया है। लद्दाख हिल काउंसिल के चुनाव 10 सितंबर को होने थे। इसके लिए 5 अगस्त को अधिसूचना जारी की गई थी।
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सुप्रीम कोर्ट ने लद्दाख प्रशासन को एक हफ्ते में चुनाव के लिए नई अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया है। साथ ही शीर्ष अदालत ने लद्दाख प्रशासन पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जिसने नेशनल कांफ्रेंस उम्मीदवार को पर्वतीय चुनाव के लिए हल चुनाव चिह्न का उपयोग करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
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दरअसल लद्दाख प्रशासन ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार को 'हल' चुनाव चिन्ह देने से मना कर दिया था, जिसके खिलाफ नेशनल कांफ्रेंस ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पहले हाईकोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे गलत करार दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने लद्दाख यूटी के चुनाव आयोग के आदेश को अनुचित बताते हुए उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान इस याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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बता दें कि ‘हल’ नेशनल कॉन्फ्रेंस का पंजीकृत पार्टी चिन्ह है, लेकिन लद्दाख चुनाव आयोग ने पार्टी को पर्वतीय चुनावों में इसका उपयोग करने से रोक दिया था। लद्दाख प्रशासन ने कहा था कि नेशनल कॉन्फ्रेंस समेत कोई भी राज्य दल लद्दाख में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल नहीं है और इसलिए वह हल को अपने प्रतीक के रूप में दावा नहीं कर सकता है। नेशनल कांफ्रेंस ने इस फैसले को चुनौती दी थी।
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