तेलंगाना में एक कारखाने में हुए विस्फोट में ओडिशा के चार श्रमिक मारे गए जबकि इस पूर्वी राज्य के पांच अन्य श्रमिक अब भी लापता हैं, जिसके बाद उनके रिश्तेदार अज्ञात शवों के डीएनए मिलान के लिए घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
चार लापता व्यक्तियों के रिश्तेदारों ने मिलान के लिए डीएनए नमूने दे दिए हैं, जबकि पांचवें व्यक्ति के रिश्तेदार आज तेलंगाना पहुंच रहे हैं।
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लापता लोगों में दो नबरंगपुर जिले से, दो गंजम से और एक कटक से है। मृतकों के शव भी ओडिशा में उनके पैतृक स्थानों पर पहुंचाए गए हैं।
ओडिशा परिवार निदेशालय के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) प्रितीश पांडा ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘ स्थानीय प्रशासन ने हमें बताया कि विस्फोट के समय फैक्टरी में 143 लोग काम कर रहे थे। ओडिशा के कुछ लोग अलग-अलग सेक्शन में काम कर रहे थे। उनमें से चार की मौत हो गई, चार घायल हो गए। घायलों में से एक की हालत गंभीर है और पांच अन्य अब भी लापता हैं।’’
उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान गंजम जिले के छत्रपुर के आर जगनमोहन, कटक जिले के तिगिरिया के लग्नजीत दुआरी, बालासोर जिले के सिमुलिया के मनोज राउत और जाजपुर जिले के धर्मशाला के डोलगोविंद साहू के रूप में हुई है।
घायलों में गंजम जिले के समीर पाधी, भद्रक के चंदन कुमार नायक, नबरंगपुर के नीलांबर भद्रा और चित्रसेन बत्रा शामिल हैं। अधिकारी ने बताया कि घायलों में से समीर की हालत गंभीर है, वह 35 प्रतिशत तक जल गया है तथा उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया है।
पांडा एक अन्य अधिकारी के साथ राज्य के लोगों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए संगारेड्डी जिले में हैं। उन्होंने कहा कि ओडिशा के श्रमिकों के शवों को एम्बुलेंस से उनके मूल स्थानों पर भेज दिया गया है।
जगनमोहन (56) का पार्थिव शरीर बुधवार को गंजम जिले के छत्रपुर इलाके में उनके आवास पर पहुंचा। स्थानीय लोगों, रिश्तेदारों और छत्रपुर विधायक कृष्ण चंद्र नायक और श्रम विभाग के अधिकारियों ने उनके घर जाकर परिवार के सदस्यों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
जगनमोहन दो दशक से भी ज़्यादा समय से फैक्टर के लेखा विभाग में काम कर रहे थे। मृतक के बड़े बेटे आर साई यशवंत ने बताया कि जब विस्फोट हुआ तब वह निरीक्षण के लिए संयंत्र के अंदर थे।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम तुरंत संयंत्र पहुंचे लेकिन वहां उनका क्षतविक्षत शव मिला।’’
शव बुधवार सुबह ओडिशा लाया गया। उन्होंने बताया कि तेलंगाना सरकार ने अंतिम संस्कार के लिए एक लाख रुपये की सहायता राशि दी है।
गंजम जिले के एक अन्य पीड़ित समीर पाधी (24) हैदराबाद के एक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं। बहारपुर निवासी समीर पिछले सात वर्षों से फैक्टरी में ‘मशीन ऑपरेटर’ के तौर पर काम कर रहे थे।
समीर के बहनोई पप्पू कुमार चौधरी भी उसी फैक्टरी में काम करते हैं। उन्होंने बताया कि संयंत्र में उनके प्रवेश करने के मात्र 10 मिनट बाद ही विस्फोट हुआ।
उन्होंने कहा, "कुछ ही मिनटों में पूरे इलाके में धुआं छा गया और कई लोग बाहर नहीं आ सके।’’
पप्पू ने बताया कि कटक जिले के टिगिरिया निवासी लग्नजीत दुआरी (20) और बिहार का एक व्यक्ति विस्फोट से पहले उस कारखाने में काम कर रहे थे। वे बाहर नहीं आ सके और उनकी जान चली गई।
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