
देश के जिन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) किया जाएगा, वहां इस कवायद के पूरा होने के बाद मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ायी जाएगी ताकि मतदान के लिए कतारों में कमी लाई जा सके। बिहार में मतदाता सूची को अद्यतन बनाने की प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है और वह देश का पहला राज्य बन गया है जहां हर मतदान केंद्र पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1,200 है जबकि पहले यह संख्या 1,500 थी।
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इस प्रक्रिया के तहत 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बिहार की तर्ज पर अधिक मतदान केंद्र होंगे। बिहार में पहले मतदान केंद्रों की संख्या 77,895 थी, जो बढ़कर 90,712 हो गई है।मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाने से मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए कतारों में अपनी बारी का इंतज़ार करते हुए कम समय बिताना पड़ेगा।
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जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चार नवंबर से एसआईआर प्रक्रिया शुरू होगी, उनके मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को दिए गए निर्देशों के अनुसार, नए मतदान केंद्र ऊंची इमारतों, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन वाली कॉलोनियों और झुग्गी बस्तियों में बनाए जाएंगे। जिला निर्वाचन अधिकारी नए मतदान केंद्रों की स्थापना किए जाने के संबंध में राजनीतिक दलों से परामर्श करेंगे।
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निर्वाचन आयोग (ईसी) ने निर्देश दिया है कि एक परिवार के सभी सदस्यों को एक ही मतदान केंद्र पर रखने का विशेष ध्यान रखा जाए। जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर प्रक्रिया शुरू होगी, उनमें अंडमान निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्यप्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है कि जहां तक संभव हो, मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक पहुंचने के लिए दो किमी से अधिक की दूरी तय नहीं करनी पड़े।
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