हालात

लेह में हिंसक झड़पों के बाद सुधर रहे हालात, पाबंदी में आज दी गई ढील, सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुलेंगे बाजार

पिछले कुछ दिनों से लेह में सुरक्षा कारणों से कड़ी पाबंदियां लागू थीं। हालांकि अब प्रशासन ने धीरे-धीरे ढील देनी शुरू कर दी है। इस फैसले से स्थानीय लोगों और व्यापारियों को बड़ी राहत मिली है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

लद्दाख की राजधानी लेह में हालात धीरे-धीरे सामान्य होते नजर आ रहे हैं। प्रशासन द्वारा दी गई रियायतों के बीच मंगलवार को लोग अपने दैनिक कार्यों में व्यस्त दिखाई दिए। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, लेह में बाजार आज सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुले रहेंगे।

Published: undefined

रियायतों के बाद जनजीवन पटरी पर

पिछले कुछ दिनों से लेह में सुरक्षा कारणों से कड़ी पाबंदियां लागू थीं। हालांकि अब प्रशासन ने धीरे-धीरे ढील देनी शुरू कर दी है। इस फैसले से स्थानीय लोगों और व्यापारियों को बड़ी राहत मिली है। दुकानों के खुलने से बाजारों में रौनक लौट आई है और लोग जरूरी सामानों की खरीदारी कर रहे हैं।

Published: undefined

व्यापारियों और स्थानीय लोगों को राहत

स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि लंबे समय से कारोबार प्रभावित हो रहा था। अब प्रशासन द्वारा तय समय के भीतर बाजार खोलने की अनुमति से उन्हें राहत मिली है। आम लोग भी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए बाजारों में पहुंचे।

Published: undefined

प्रशासन की अपील

हालांकि प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे पूरी तरह से शांति बनाए रखें और निर्धारित समय का पालन करें। सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती जारी है।

Published: undefined

लेह में 24 सितंबर को क्या हुआ था?

  • लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्ज और संवैधानिक सुरक्षा जैसे छठी अनुसूची की मांग को लेकर हिंसका प्रदर्शन हुआ।

  • पहले यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन था, लेकिन बाद में हिंसक रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई।

  • प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी कार्यालय, क्षेत्रीय सरकारी भवन और पुलिस वाहनों में आग लगा दी।

  • पुलिस ने नियंत्रण करने के लिए आंसू गैस, लाठीचार्ज, और अपराध नियंत्रण उपाय किए।

  • संघर्ष में कम से कम 4 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए।

  • सुरक्षा बलों और पुलिसकर्मियों को भी चोटें आईं।

  • इसके बाद प्रशासन ने प्रतिबंध और सुरक्षा बढ़ाने जैसे कदम उठाए।

  • इंटरनेट सेवाएं बंद की गईं और कई सार्वजनिक गतिविधियों पर रोक लगाई गई।

Published: undefined

वांगचुक के समर्थन में सड़क पर उतरे लोग

सोनम वांगचुक पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांगों का नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने इस आंदोलन में जनता को आशा और नेतृत्व दिया, जिसमें युवा और स्थानीय संगठन महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे।

वांगचुक ने विरोध प्रदर्शन और अनशन भी किया। 15 दिनों तक चले इस अनशन को उन्होंने तब तोड़ा, जब प्रदर्शन हिंसक रूप ले लिया। इस दौरान उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।

पुलिस और प्रशासन ने आरोप लगाया कि वांगचुक के बयान “उत्तेजक” थे और उन्होंने लोगों को भड़काने का काम किया। बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल वह जोधपुर जेल में बंद हैं।

Published: undefined