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आज भारत दोराहे पर, असमानता चरम पर और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर कब्जे हो रहे हैंः खड़गे

खड़गे डॉ. मनमोहन सिंह फेलो कार्यक्रम के तहत चयनित पेशेवरों को संबोधित कर रहे थे। कांग्रेस ने इस साल अप्रैल में दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री के नाम पर फेलो प्रोग्राम की शुरुआत की थी, जिसके तहत देश भर से 50 पेशेवरों का चयन किया गया है।

आज भारत दोराहे पर, असमानता चरम पर और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर कब्जे हो रहे हैंः खड़गे
आज भारत दोराहे पर, असमानता चरम पर और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर कब्जे हो रहे हैंः खड़गे फोटोः वीडियोग्रैब

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को दावा किया कि भारत ऐसे दोराहे पर खड़ा है, जहां एक तरफ तेजी से सामाजिक, आर्थिक और तकनीकी बदलाव हो रहे हैं, तो दूसरी तरफ बेरोजगारी, असमानता चरम पर है और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर कब्जे और हमले हो रहे हैं।उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा राजनीति पर काम कम और दिखावा तथा प्रचार हावी है।

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खड़गे डॉक्टर मनमोहन सिंह फेलो कार्यक्रम के तहत चयनित पेशेवरों को संबोधित कर रहे थे।कांग्रेस ने इस साल अप्रैल में पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत मनमोहन सिंह के नाम पर एक फेलो प्रोग्राम की शुरुआत की थी, जिसके तहत देश भर से 50 पेशेवरों का चयन किया गया और उन्हें पार्टी के भीतर प्रमुख नेता के तौर पर प्रशिक्षित किया जाना है। उन्हें पार्टी से जुड़े कार्यों में लगाया जाएगा। पार्टी के विभाग ‘ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस’ ने इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी। कुल 1300 आवेदकों में से 50 लोगों का चयन किया गया है।

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खड़गे ने कहा, "कांग्रेस ही अकेली पार्टी है, जिसने हमेशा पेशेवर लोगों को जगह दी और उनकी काबिलियत का सम्मान किया। डॉ. मनमोहन सिंह इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं।" खड़गे ने कहा, "भारतीय इतिहास में 1990 के बाद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन का शासनकाल सबसे अलग, बदलाव का दौर था। सोनिया गांधी जी के नेतृत्व में पेशेवरों की मदद से सूचना अधिकार कानून, मनरेगा, शिक्षा अधिकार, खाद्य सुरक्षा, वनाधिकार जैसे ऐतिहासिक फैसले किये गए।"

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खड़गे के मुताबिक, मनमोहन सिंह ने 2008 की वैश्विक मंदी की छाया भारत पर नहीं पड़ने दी और भारत की औसत जीडीपी वृद्धि दर आठ फीसदी रही। कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया, "आज भारत ऐसे दोराहे पर खड़ा है, जहां एक तरफ तेज़ी से सामाजिक, आर्थिक और तकनीकी बदलाव हो रहे हैं, तो दूसरी तरफ बेरोज़गारी, असमानता चरम पर पहुंच चुकी है। लोकतांत्रिक संस्थाओं पर कब्जे भी हो रहे हैं और हमले भी हो रहे हैं।" उन्होंने कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि मौजूदा राजनीति पर काम कम और दिखावा और प्रचार हावी है। खड़गे ने कहा, "ऐसे दौर में पेशेवरों को आगे आने की ज़रूरत है।"

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खड़गे ने कहा कि हमें आम लोगों के संघर्षों से खुद को जोड़ना है और राजनीति में ईमानदारी, अनुशासन और संवेदनशीलता लानी है। डेटा और टेक्नोलॉजी की मदद से ही हम वोट चोरी जैसे बड़े मुद्दे को सामने ला सके हैं। यह अब राष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है और राहुल गांधी जी इस पर बिहार में यात्रा कर रहे हैं। राहुल गांधी जी ने वोट चोरी को पकड़ने के लिए डेटा एक्सपर्ट की मदद ली। फिर सुप्रीम कोर्ट ने भी जनता के पक्ष में निर्णय दिया। अगर हम चुप बैठते तो आवाज भी नहीं उठती, लेकिन जब हमने ये मुद्दा उठाया तो देशभर में वोट चोरी के खिलाफ आवाज उठी है। इसी तरह, जाति जनगणना जैसे सामाजिक न्याय के मुद्दे पर भी हमें डेटा इकट्ठा करने और उसका विश्लेषण करने के लिए प्रोफेशनल्स के योगदान की ज़रूरत है। आप सब अलग-अलग पृष्ठभूमि से आते हैं, लेकिन आप सबका आधार कांग्रेस की विचारधारा और एक प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष भारत के निर्माण का विश्वास है। राजनीति में सबसे ज़रूरी है – विचारधारा पर आस्था, निष्ठा और भरोसा, फिर कौशल और प्रतिभा उसे मजबूत बनाते हैं।

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