हालात

‘कासगंज में तिरंगा नहीं, भगवा झंडा लहराने को लेकर हुआ था बवाल’

कासगंज के स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने तिरंगा का कोई विरोध नहीं किया। तिरंगा तो उनका अपना झंडा है। हिन्दू संगठनों के लोग तिरंगा नहीं, भगवा झंडा लहराना चाह रहे थे।

फोटो: सोशल मीडिया 
फोटो: सोशल मीडिया  कासगंज में कर्फ्यू के दौरान गश्ती करते पुलिस के जवान  

उत्तर प्रदेश के कासगंज शहर में हुए बवाल की एक दूसरी सच्चाई सामने आई है। हिन्दू संगठनों की ओर से दावा किया जा रहा है कि एबीवीपी की तिरंगा यात्रा का विरोध किया गया और इसके बाद हिंसा हो गयी। मगर पड़ताल करने पर यह कहानी झूठी दिखाई देती है। कासगंज के स्थानीय लोग बताते है कि वो तिरंगा का विरोध क्यों करेंगे? तिरंगा तो उनका है लेकिन कल यहां आये हिन्दू संगठनों के नौजवान ही भगवा झण्डा लहरा रहे थे। यहां के फईम अहमद बताते है, “मुसलमानों ने खुद अब्दुल हमीद चौक पर ध्वजारोहण का कार्यक्रम रखा था था। यहां देशभक्ति का माहौल था। ऊपर तिरंगा लहरा रहा था और नीचे एक खूबसूरत रंगोली बनी थी। यहां देशभक्ति गीत बज रहे थे। मुसलमानों को अपने मुल्क से मोहब्बत है वे भी तिरंगा फहरा रहे थे। अचानक से हिन्दू संगठनों की एक टीम आई जिसमें लगभग 50 बाइक थी। इन लोगों के पास भगवा झंडा था यह सीधे मुसलमानों के कार्यक्रम मे घुस गये।”

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एक और चश्मदीद मुनाजिर कहते है, “यह लोग रंगोली को बाइक से बिगाड़ने लगे और भगवा झंडे को हमारे तिरंगा से ऊंचा करने लगे। हमें इस पर ऐतराज था इसलिए हमने उन्हें ऐसा करने से मना किया।” मुनाजिर आगे कहते है, “पहले मैंने खुद स्थानीय कोतवाल को बताया। उन्होंने कहा कि वे तुरंत आ रहे हैं, मगर उन्हें आने में देर हुई। उसके बाद यहां हिन्दू संगठनों के लड़के नारे लगाने लगे -‘हिन्दुतान में रहना होगा तो वंदेमातरम कहना होगा’। मुसलमानों ने हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाये। हमारे पास वीडियो है, आप देख लीजिये। उसके बाद वे लोग घरों में घुसने लगे और मस्जिद की तरफ भी बढ़े, बस फिर झगड़ा हो गया।”

कासगंज में आज भी माहौल तनावपूर्ण है। कई जगह आगजनी हुई है। यहां पूरी तरह दहशत पसरी हुई है। मृतक युवक चंदन से एबीवीपी ने पल्ला झाड़ लिया है और कहा है कि वे उनके कार्यकर्ता नहीं थे। मृतक के पिता सुभाष गुप्ता ने कहा है, “मेरा बेटा हिन्दू संगठनों से जुड़ा था, इसकी जानकारी मुझे नहीं थी। कासगंज एटा के करीब एक छोटा जिला है, जिससे आगरा और अलीगढ़ दोनों दूरी बराबर है।

इस समय अलीगढ के कमिश्नर सुभाष चंद्र शर्मा और आईजी सुनील कुमार गुप्ता कासगंज में कैंप किए हुए है। लखनऊ से आईजी डीके ठाकुर भी कासगंज पहुंच चुके है। फिलहाल मुस्लिम इलाकों में छापेमारी चल रही है। अल्पसंख्यकों ने खुद को अपने घरों में कैद कर लिया है। स्थानीय निवासी रईस अहमद ने हमें बताया, “बवाल कसाई बाजार में हुआ, मगर दहशत में पूरा इलाका है। मुसलमानों खौफ के साए में हैं।” आज दिन भर बवाल हुआ है। कासगंज की सभी सीमाएं सील कर दी गयी हैं और बाहरी लोगों के आने पर रोक लगा दी गयी है। यहां लखनऊ से भारी मात्रा मे पुलिस बल भेजा गया है। यहां पीएसी की 5 कंपनी और आरएएफ की 1 कंपनी के मौजूद होने के बाद भी आज एक दर्जन से ज्यादा वाहन और दुकानें जला दी गयी हैं। हमारी जानकारी के मुताबिक पुलिस ने मुस्लिम इलाकों में सर्च अभियान चला रही है और आधा दर्जन से ज्यादा मुस्लिम युवकों को हिरासत में लिया गया है।

कल कासगंज के डीएम आरपी सिंह ने हालात के नियंत्रण में होने की बात कही थी। उन्होंने कहा था मुस्लिम बहुल इलाके में एक मस्जिद और घरों में घुसने के दौरान मुस्लिम युवकों से इनकी झड़प हो गयी थी और फायरिंग में एक हिन्दू कार्यकर्त्ता की मौत हो गयी। दूसरे घायल नौशाद की हालात अभी गंभीर है। उसे अलीगढ़ अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह घटना आगरा हाइवे से सटे इलाके बिद्दूनगर में हुई। जानकारी के मुताबिक हिन्दू संगठनों के सैकड़ों युवा लगभग 50 बाइक पर सवार होकर तिरंगा यात्रा निकाल रहे थे और मुस्लिम बहुल इलाके में जाकर इन्होंने अति उत्तेजना दिखाई और आपत्तिजनक नारे लगाए। एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक वे नारे लगा रहे थे - ‘मुंह में गिलरोरी बगल में पान मुल्लों तुम जाओ पाकिस्तान’। इस यात्रा में तिरंगा कम और भगवा झंडा ज्यादा दिखाई दे रहा था। उन्होंने इसी इलाके की मस्जिद में घुसने की कोशिश की और इसके बाद दोनों पक्षो में हिंसा हो गई। प्रदेश में पिछले कुछ सालों से हिन्दू संगठनों द्वारा तिरंगा यात्रा जोर-शोर से निकाले जाने की परंपरा बन गयी है।

एडीजीपी कानून व्यवस्था आंनद कुमार के अनुसार, यह एक योजनाबद्ध तरीके से हुई घटना नहीं है, बल्कि एक इत्तेफाक है। हालांकि स्थानीय लोगों से बात करने पर मिली जानकारी के मुताबिक कासगंज तीन दिन से सुलग रहा था। यहां कोतवाली क्षेत्र में चामुंडा देवी मंदिर पर गेट लगने को लेकर भारी तनाव था। इस मंदिर के गेट को मुसलमानों के एक समूह ने विरोध किया था। जिसके बाद यहां इस गेट को सरकारी मशीनरी न लगाने से रोक दिया गया था। इसके बाद से कासगंज अंदर ही अंदर सुलग रहा था। जिसके बाद यह घटना हो गयी।

यह खुफिया विभाग के नाकाम होने की भी बात है। आगरा के एडीजीपी अजय आनंद ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है। हर एक बिंदु पर गंभीरता से नजर है। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया यहां से सांसद है। उन्होंने ऐलान किया है कि अब हिन्दू चुप नही बैठेगा।

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