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कश्मीर के हालात पर UN ने जताई चिंता, अमेरिकी सीनेटर बोले- लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन करे मोदी सरकार

कश्मीर मुद्दे पर मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के प्रवक्ता स्टीफेन दुजारिक ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि कश्मीर के हालात पर हम चिंतित हैं, और लगातार यह चिंता बनी हुई है। भारत में संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के हमारे कुछ कर्मी वहां काम कर रहे हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

जम्मू-कश्मीर में मौजूदा हालात को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताई है। यूएन की ओर से कश्मीर पर प्रतिक्रिया आई है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के एक प्रवक्ता ने घाटी के मौजूदा हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि कश्मीर में संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के कुछ कर्मी काम कर रहे हैं।

Published: 09 Oct 2019, 12:22 PM IST

कश्मीर मुद्दे पर मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के प्रवक्ता स्टीफेन दुजारिक ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, “कश्मीर के हालात पर हम चिंतित हैं, और लगातार यह चिंता बनी हुई है। भारत में संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के हमारे कुछ कर्मी वहां (कश्मीर) काम कर रहे हैं।”

Published: 09 Oct 2019, 12:22 PM IST

अमेरिका में ‘सीनेट इंडिया कॉकस’ के सह अध्यक्ष और डेमोक्रेटिक सीनेटर मार्क वार्नर ने भी कश्मीर के हालात पर प्रतिक्रिया दी है। वार्नर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोगों के आने-जाने पर लगी रोक की वजह से मैं मायूस हूं। उन्होंने भारत सरकार से यह अपील की कि वह प्रेस, सूचना और राजनीतिक भागीदारी की स्वतंत्रता देकर लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन करे।

Published: 09 Oct 2019, 12:22 PM IST

मार्क वार्नर ने कहा, “मैं यह समझ सकता हूं कि कश्मीर में भारत की सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं जायज हैं, लेकिन लेकिन कश्मीर में संचार और लोगों के आने-जाने पर रोक लगने से मैं दुखी हूं। मुझे उम्मीद है कि भारत प्रेस, सूचना और राजनीतिक भागीदारी की आजादी प्रदान कर लोकतंत्र के सिद्धांतों का पालन करेगा।”

Published: 09 Oct 2019, 12:22 PM IST

गौरतलब है कि 5 अगस्त को केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला किया था। राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 की ज्यादातर धाराओं को हटाने का ऐलान किया था। राज्य से धारा 370 हटाए जाने से एक दिन पहले ही घाटी के सभी नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था। घाटी से सैलानियों को बुलाने के साथ कई पाबंदियां लगा दी गई थीं। लैंडलाइन फोन और इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई थी। घाटी के कई इलाकों में आज भी पाबंदियां लगी हुई हैं औ घाटी के नेता नजर बैंद हैं। कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद होने से अस्पतालों में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह मामला कोर्ट भी पहुंचा है।

Published: 09 Oct 2019, 12:22 PM IST

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Published: 09 Oct 2019, 12:22 PM IST