उत्तर प्रदेश में महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बेहद शर्मनाक घटनाओं की फेहरिस्त में हाथरस के बाद अब चित्रकूट का भी नाम जुड़ गया है। जहां दिल दहला देने वाली घटना में दबंगों द्वारा गैंगरेप का शिकार हुई 15 साल की दलित युवती ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद हुए हंगामे को देखते हुए पुलिस ने इस मामले के तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा किया है।
पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि पीड़िता ने गैंगरेप की घटना के बाद स्थानीय पुलिस द्वारा दुखी किये जाने पर ऐसा कदम उठाया था। आहत परिजन पीड़िता के शव के साथ धरने पर बैठ गए थे और पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। इसके बाद तीनों आरोपी युवकों की गिरफ्तारी के बाद आज वरीय पदाधिकारियों ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में परिवार को समझा-बूझाकर किशोरी का अंतिम संस्कार करा दिया है।
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इससे पहले पीड़िता की आत्महत्या के बाद मचे हंगामे को देखते हुए उच्चाधिकारियों ने लापरवाही बरतने के आरोप में शहर कोतवाली के प्रभारी जयशंकर और मानिकपुर सरैया चौकी के इंचार्ज अनिल साहू को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। हंगामे के बीच ही पुलिस ने कल देर शाम तीनो दबंग आरोपियों को गिरफ्तार करने का भी दावा किया है।
दलित नाबालिग किशोरी के पिता बिशन ने बताया कि 8 अक्टूबर को उनकी बेटी शौच के लिए गई हुई थी, तभी गांव के ही पूर्व प्रधान के बेटे किशन उपाध्याय और उसके दो साथियों ने मिलकर उसका अपहरण कर लिया और मोटरसाइकिल से ले जाकर गांव के ही पास नर्सरी में उसे बंधक बनाकर उसके साथ गैंगरेप किया और फिर उसके हाथ-पैर बांधकर फेंक दिया था। इसके बाद जब उसकी मां ढूंढने पहुंची तो उसे देखकर उनके होश उड़ गए।
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इसके बाद उन लोगों ने तुरंत सरैया चौकी पुलिस को घटना की सूचना दी और उनकी मौजूदगी में ही किशोरी के हाथ पैर खोले गए। उस समय दहशत के कारण किशोरी उन लोगों के नाम नहीं बता पाई थी, जिस पर चौकी प्रभारी ने किशोरी को बाद में चौकी पहुंचकर कार्यवाही कराने के लिए कहा था। इसके बाद किशोरी ने अपने साथ हुए गैंगरेप की वारदात से क्षुब्ध होकर 13 अक्टूबर को सुबह फांसी से लटक कर आत्महत्या कर ली।
इसके बाद परिजनों में कोहराम मच गया। पुलिस ने सूचना मिलते ही गांव को छावनी में तब्दील कर दिया और किशोरी के शव को आनन-फानन में लेकर तुरंत पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किशोरी के मौत का कारण हैंगिंग आया है। इसके बाद परिजनों की तहरीर पर पूर्व प्रधान के बेटे किशन उपाध्याय और उसके दो साथियों के ऊपर पुलिस ने गैंगरेप, अपहरण और हत्या के लिए उकसाने के आरोप में मुकदमा पंजीकृत किया। वहीं परिजनों का कहना है कि अगर पुलिस ने पहले सही कार्यवाही की होती तो आज उनकी बेटी जिंदा होती।
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बढ़ते हंगामे को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने इसके बाद डॉक्टरों का पैनल बनाकर वीडियोग्राफी कराते हुए पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम देर से होने की वजह से किशोरी का कल अंतिम संस्कार नहीं कराया जा सका था। आज सुबह कई राजनैतिक दलों के नेताओं के मौके पर पहुंचने पर उन लोगों ने कई मांगों को लेकर कर्वी मानिकपुर रोड जाम कर दिया था, जिसके बाद जिलाधिकारी शेषमणि पांडे और आईजी रेंज के. सतनारायण ने मौके पर पहुंचे और परिजनों को हरसंभव मदद करने का आश्वासन देकर पीड़ित किशोरी का अंतिम संस्कार करा दिया गया।
गैंगरेप पीड़िता की खुदकुशी के मामले में आईजी के. सत्यनारायण ने लापरवाही मानते हुए सदर कोतवाल जयशंकर सिंह और सरैया चौकी प्रभारी अनिल साहू को निलंबित कर दिया है। गिरफ्तारी के पूर्व दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों ने राजमार्ग जाम कर जमकर बवाल काटा। परिजनों ने मुआवजा, एक नौकरी, सुरक्षा और आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग की है। अधिकारियों के आश्वासन पर परिजन अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए। भारी सुरक्षा बल और परिजनों की मौजूदगी में किशोरी के शव का अंतिम संस्कार किया गया। गांव में तनाव है और भारी मात्रा में पुलिस तैनात की गई है।
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चित्रकूट जिले में गैंगरेप पीड़िता की खुदकुशी के मामले में बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबू मुनकाद अली ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "उत्तर प्रदेश में गुंडागर्दी चरम पर है। कमजोर लोगों को कुचला जा रहा है। सरकार दलितों की बेटियों की रक्षा करने में विफल हो गई है। यह गुंडाराज है। सरकार को महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अधिक सचेत होना चाहिए।”
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