उत्तर प्रदेश के मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह 2017 में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित एक मामले में सुल्तानपुर की एक अदालत में पेश हुए और उच्च न्यायालय (एचसी) के आदेश के अनुसार, 500 रुपये का जुर्माना जमा किया। इसके बाद उनके खिलाफ कार्यवाही बंद कर दी गई। स्वास्थ्य राज्यमंत्री, तिलोई विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रहे हैं। एचसी के निर्देश पर अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) (3) साइमा सिद्दीकी जर्रार आलम की अदालत में पेश हुए।
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उन्होंने जुर्माने की राशि जमा करने और केस खत्म करने की अर्जी दाखिल की थी। स्थानीय अदालत ने उनके आवेदन को स्वीकार कर लिया और मामले में कार्यवाही समाप्त करने का आदेश दिया। मंत्री का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता रविवंश सिंह ने कहा कि पुलिस ने 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान अमेठी जिले के गौरीगंज कोतवाली क्षेत्र में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए सिंह और उनके 150 अज्ञात समर्थकों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
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पुलिस ने केवल सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, क्योंकि जांच के दौरान समर्थकों का पता नहीं चल सका था। वकील ने कहा कि 18 मार्च 2019 को दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए एसीजेएम ने मंत्री को तलब किया था। मयंकेश्वर शरण सिंह ने कोर्ट के आदेश और पुलिस के चार्जशीट को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने कहा कि एचसी ने जुर्माना जमा करने के बाद संबंधित अदालत को कार्यवाही समाप्त करने का निर्देश दिया। इस आदेश के अनुपालन में सिंह ने जुर्माना जमा कर दिया।
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