अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने औपचारिक तौर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन से अलग होने का प्रस्ताव पेश किया है। ट्रम्प ने मंगलवार को अमेरिकी कांग्रेस को सूचित किया कि अमेरिका अब औपचारिक तौर पर डब्ल्यू एच ओ से अलग हो रहा है। द हिल और सीएनएन ने इस खबर की पुष्टि की है कि कोरोना महामारी की रोकथाम में लगे डब्ल्यूएचो से अमेरिका अलग हो जाएगा।
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अमेरिकी मीडिया के मुताबिक अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव के सामने प्रस्ताव पेश कर कहा है कि अमेरिका 6 जुलाई से विश्व स्वास्थ्य संगठन से अलग हो गया है। इस बारे में एक वरिष्ठ डेमोक्रेट और अमेरिकी विदेश मंत्रालय की समिति के सदस्य बॉब मेनेंडेस ने भी ट्वीट किया कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस बारे में अमेरिकी कांग्रेस को सूचित कर दिया है। मेनेजेस ने ट्रम्प के इस फैसले की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि, “कोरोना महामारी को लेकर ट्रम्प का रवैया बेहद अस्थिर और गड़बड़ी वाला रहा है। इस फैसले से अमेरिकी नागरिकों के जीवन की रक्षा नहीं होगी बल्कि इससे अमेरिकी बीमार होंगे और अमेरिका अलग-थलग पड़ जाएगा।”
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गौरतलब है कि डोनल्ड ट्रम्प ने मई में ऐलान किया था कि वह डब्ल्यू एच ओ से अलग हो सकते हैं। इससे पहले उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन को दी जाने वाली आर्थिक सहायता बंद कर दी थी। दरअसल ट्रम्प विश्व स्वास्थ्य संगठन की आलोचना करते रहे हैं। उनका आरोप रहा है कि डब्ल्यू एच ओ कथित तौर पर कोरोना वायरस फैलाने वाले चीन को इस बात को छिपाने में मदद कर रहा है। उन्होंने डब्ल्यू एच ओ द्वारा जारी की गई चेतावनी को भी नजरंदाज किया था।
ध्यान रहे कि अमेरिका ने ऐसे वक्त में खुद को विश्व स्वास्थ्य संगठन से अलग किया है जब अमेरिका में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण के जितने मामले हैं उनमें अमेरिका अव्वल नंबर पर है। मंगलवार तक यह संख्या 30 लाख पार कर चुकी थी।
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