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उत्तरकाशी हादसाः मजदूरों को बचाने के लिए अब सुरंग के ऊपर से होगी वर्टिकल ड्रिलिंग, उत्साह में रेस्क्यू टीम

ऑस्ट्रेलिया के इंटरनेशनल टनलिंग एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स इस ऑपरेशन को लीड कर रहे हैं। भारी भरकम पाइप और वर्टिकल मशीन को टनल के ऊपर पहाड़ी पर ले जाकर ड्रिलिंग होगी। वर्टिकल मशीन सुरंग के ऊपर से नीचे की तरफ ड्रिलिंग करेगी।

उत्तरकाशी हादसे में मजदूरों को बचाने के लिए अब सुरंग के ऊपर से होगी वर्टिकल ड्रिलिंग, उत्साह में रेस्क्यू टीम
उत्तरकाशी हादसे में मजदूरों को बचाने के लिए अब सुरंग के ऊपर से होगी वर्टिकल ड्रिलिंग, उत्साह में रेस्क्यू टीम फोटोः IANS

उत्तराखंड के उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग हादसे के दसवें दिन मंगलवार को अंदर फंसे 41 मजदूरों के सुरक्षितो होने का वीडियो सामने आने के बाद बचाव टीम का उत्साह बढ़ गया है। अब फंसे मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू टीम बड़ा कदम उठाते हुए सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग करने जा रही है, जिसकी सारी पूरी तैयारी हो चुकी है। सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग के लिए ओडिशा से सेना के हेलीकॉप्टर से मोटे पाइप लाकर सिलक्यारा टनल पहुंचाए गए हैं।

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वहीं, कोटियाला से बड़ी वर्टिकल मशीन बोर (ड्रिलिंग) करने के लिए सिलक्यारा लाई गई है। अब इन भारी भरकम पाइप और वर्टिकल मशीन को टनल के ऊपर पहाड़ी पर ले जाकर ड्रिलिंग होगी। ऑस्ट्रेलिया के इंटरनेशनल टनलिंग एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स रेस्क्यू ऑपरेशन को लीड कर रहे हैं। टनल के ऊपर पहले ही ड्रिलिंग वाला स्थान चिन्हित किया जा चुका है। रेस्क्यू टीम पूरे ऑपरेशन को अंजाम देने को तैयार है। वर्टिकल मशीन सुरंग के ऊपर से नीचे की तरफ ड्रिलिंग करेगी। इस मशीन की खासियत है कि यह बड़े एरिया में ड्रिलिंग करती है।

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इस बीच मंगलवार को उत्तरकाशी सुरंग हादसे में बचाव अभियान की जानकारी देते हुए सड़क और परिवहन विभाग के तकनीकी अतिरिक्त सचिव महमूद अहमद ने कहा कि हमने कई एजेंसियों को इकट्ठा किया है। हम उनके साथ समन्वय कर रहे हैं। प्रत्येक एजेंसी को एक विशिष्ट कार्य सौंपा गया है। हमारी टीम हर चीज की निगरानी कर रही है ताकि सभी एजेंसियों के बीच समन्वय बना रहे। हम सेना, बीआरओ और अन्य एजेंसियों से हर संभव योगदान ले रहे हैं। जिला प्रशासन हमारा सहयोग कर रहा है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ भी काम कर रहे हैं। हम अंदर फंसे अपने श्रमिकों को बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

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महमूद अहमद ने कहा कि सबसे पहले एनएचडीसीएल ने ऑक्सीजन आपूर्ति, भोजन, पानी या दवा की सुविधा सुनिश्चित की है। अंदर रोशनी और बिजली की आपूर्ति है... 2 किमी अंदर तक जगह है क्योंकि सुरंग पहले ही बन चुकी थी... 4 इंच की पाइपलाइन से, हम सूखे फल और अन्य खाने की चीजें भेज रहे थे। अब 6 इंच पाइपलाइन के माध्यम से हमने अंदर एक वॉकी-टॉकी भेजा और संचार स्थापित किया है। हमें एक वीडियो भी मिला जिसमें दिखाया गया कि वे सभी अच्छे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में हैं।

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बता दें कि सिलक्यारा में चारधाम रोड परियोजना के तहत टनल निर्माण हो रहा है। दीपावली के दिन सुरंग धंस गया था जिसके मलबे के कारण 12 नवंबर की सुबह से 41 मजदूर सुरंग के अंदर की तरफ फंसे हुए हैं। उन्हें बचाने के लिए पिछले दस दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। टनल हादसे के दसवें दिन मंगलवार को 41 मजदूरों का पहली बार वीडियो सामने आया। सभी मजदूर ठीक हैं। इस वीडियो के सामने आने के बाद रेस्क्यू टीम का उत्साह भी बढ़ गया है।

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