मणिपुर में 18 दिन बाद सोमवार को एक बार फिर हिंसा भड़क गई। आज राजधानी इंफाल में उपद्रवियों ने हंगामा करते हुए खाली पड़े घरों में आग लगा दी। हालात को देखते हुए प्रशासन ने कर्फ्यू लगाते हुए इलाके में सेना को तैनात कर दिया है। एहतेयात के तौर पर इलाके में इंटरनेट भी 26 मई तक बैन कर दिया गया है। सेना और अर्द्धसैनिक बल के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया है और पुलिस के साथ प्रभावित इलाकों में गश्त कर रहे हैं।
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खबरों के मुताबिक, सोमवार सुबह 10 बजे इंफाल के न्यू लम्बुलेन के लोकल मार्केट में जगह को लेकर मैतेई और कुकी समुदाय के लोगों के बीच अचानक झगड़ा हो गया। इसके बाद उपद्रवियों ने इलाके में कुछ घरों में आग लगा दी। हिंसा को देखते हुए पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दो उपद्रवियों को पकड़ा है। उनसे हथियार बरामद किए गए हैं।
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इस बीच मणिपुर के हालात के बीच ताजा हिंसा को देखते हुए सरकार ने सेना को बुला लिया है, जिसने हिंसा प्रभावित इलाकों में कमान संभाल ली है। इस बीच सरकार ने इंफाल में कर्फ्यू का ऐलान कर दिया है। साथ ही किसी तरह की अफवाह को रोकने के लिए एहतेयात के तौर पर शहर में इंटरनेट पर 26 मई तक पाबंदी लगा दी गई है। सेना और पुलिस की टीम इलाके में गश्त कर रही है।
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बता दें कि मणिपुर में 3 मई को चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके से हिंसा भड़की थी। इस दिन ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ने मैतेई समुदाय को एसटी दर्जे की मांग के खिलाफ आदिवासी एकजुटता मार्च बुलाया था, जिसके बाद राज्य के 10 से अधिक जिलों में हिंसा भड़क उठी थी। हिंसक घटनाओं में अब तक 74 लोगों की मौत हो चुकी है। 230 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं और 1700 घरों को जलाया गया है। वहीं हिंसा की वजह से अब तक 10 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं।
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