लोकसभा से पास होने के बाद केंद्र सरकार ने आज वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को राज्यसभा में पेश किया। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू ने विधेयक को विचार करने और पारित कराने के लिए राज्यसभा में रखा। इससे पहले कल देर रात लंबी बहस और विपक्ष के जोरदार विरोध के बीच वक्फ विधेयक लोकसभा से पास हुआ।
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विधेयक पेश करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू ने राज्यसभा में कहा कि आज 8.72 लाख संपत्तियां वक्फ़ के अधीन हैं, जबकि 2004 में यह संख्या 4.9 लाख थी। रीजीजू ने उच्च सदन में कहा कि वक्फ़ विधेयक का उद्देश्य पिछली सरकारों के अधूरे कार्यों को पूरा करना है। विधेयक पारित करने में उन्होंने विपक्ष से सहयोग की अपेक्षा जताई। रीजीजू ने विपक्ष के इस आरोप को खारिज किया कि वक्फ़ विधेयक मुसलमानों के खिलाफ है। वक्फ़ बोर्ड केवल वक्फ़ संपत्तियों की देखरेख करेगा, उनका प्रबंधन नहीं करेगा।
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राज्यसभा में किरण रिजिजू ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 का नाम बदलकर UMEED (एकीकृत वक्फ प्रबंधन सशक्तीकरण दक्षता और विकास) विधेयक रखा जाएगा। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री रीजीजू ने राज्यसभा में दावा किया कि हम किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं करते हैं।
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बता दें कि इससे पहले बुधवार को केंद्र सरकार ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक को पेश किया। इस पर 12 घंटे की लंबी बहस के बाद गुरुवार, 3 अप्रैल को तड़के विधेयक लोकसभा से पारित किया गया। कुल 288 सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान किया, जबकि 232 ने इसका विरोध किया। व्यापक विरोध के बावजूद, विपक्षी सदस्यों द्वारा पेश किए गए सभी संशोधनों को ध्वनि मत से खारिज कर दिया गया। बहस के दौरान, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने विधेयक का बचाव करते हुए दावा किया कि इसे अल्पसंख्यक समुदायों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया गया है।
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