
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों को चौंकाने वाला करार दिया है। कांग्रेस नेता ने महागठबंधन पर विश्वास जताने वाले मतदाताओं का आभार जताते हुए कहा कि विपक्षी गठबंधन एक ऐसे चुनाव में जीत हासिल नहीं कर सका, जो शुरू से ही निष्पक्ष नहीं था। बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम में कांग्रेस मात्र छह सीटों पर और आरजेडी 25 सीटों पर सिमट गई है। वहीं, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को 200 से अधिक सीट हासिल हुईं।
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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “मैं बिहार के उन करोड़ों मतदाताओं का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने महागठबंधन पर विश्वास जताया। बिहार का यह परिणाम वाकई चौंकाने वाला है। हम एक ऐसे चुनाव में जीत हासिल नहीं कर सके, जो शुरू से ही निष्पक्ष नहीं था।” राहुल गांधी ने आगे कहा, यह संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई है। कांग्रेस पार्टी और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ इस परिणाम की गहराई से समीक्षा करेंगे और लोकतंत्र को बचाने के अपने प्रयासों को और अधिक प्रभावी बनाएंगे।”
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वामपंथी दलों के नेताओं ने भी बिहार में मिली हार को महागठबंधन के लिए एक बड़ा झटका बताया लेकिन कहा कि नतीजे जमीनी हकीकत से मेल नहीं खाते हैं। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के महासचिव एम ए बेबी ने कहा कि नतीजे ‘काफी अप्रत्याशित’ हैं और विपक्षी गठबंधन को और अधिक एकजुट प्रयासों की जरूरत है। बेबी ने कहा, ‘‘नतीजे काफी अप्रत्याशित हैं। हमारा आकलन था कि निर्वाचन आयोग के ‘दुरुपयोग’, बिहार में बेरोजगारी की स्थिति और लोकतांत्रिक शासन के अभाव पर हमने जो व्यापक अभियान चलाया था... उसे देखते हुए हम महागठबंधन की जीत की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन अब महागठबंधन को एक बड़ा झटका लगा है।’’ उन्होंने एनडीए पर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने, तरह-तरह की हेराफेरी करने और भारी मात्रा में धन का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के महासचिव डी. राजा ने कहा कि उनके प्रचार अभियान में भारी भीड़ उमड़ी थी और गठबंधन को इस बात पर गंभीरता से आत्मचिंतन करना चाहिए कि आखिर हुआ क्या। राजा ने कहा, ‘‘इंडिया गठबंधन के दलों को इस बात पर गंभीरता से आत्मचिंतन करना चाहिए कि आखिर ऐसा नतीजा क्यों आया, क्योंकि प्रचार अभियान के दौरान हमने जो देखा वह एक अलग ही नजारा था। महागठबंधन की सभी प्रचार सभाओं में लोग उमड़ रहे थे। हम भारी जनसमर्थन देख सकते थे, बिहार के युवा बदलाव की चाहत में थे।’’
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सीपीआई (एमएल) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार चुनाव के नतीजे राज्य की ज़मीनी हकीकत से मेल नहीं खाते। चुनाव परिणाम के बारे में पूछे जाने पर भट्टाचार्य ने कहा कि यह समझ से परे है कि दो दशक से सत्ता में रही सरकार 2010 के अपने प्रदर्शन को कैसे दोहरा रही है। भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘ये नतीजे बिल्कुल अस्वाभाविक हैं; ये बिहार की जमीनी हकीकत से बिल्कुल मेल नहीं खाते।’’
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बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) 243 में से करीब 200 सीटों पर जीत हासिल कर प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने की ओर अग्रसर है जबकि बीजेपी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। वहीं जेडीयू 85 सीट के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी है। वहीं विपक्षी आरजेडी 25 सीट पर सिमट गई है, जबकि कांग्रेस केवल 6 सीट पर जीतती दिख रही है।
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