हालात

हम चूक गए, गूगल ने कर दिखाया... सत्या नडेला ने बताई माइक्रोसॉफ्ट की सबसे बड़ी गलती

नडेला ने कहा कि कौन सोच सकता था कि सर्च इंजन वेब को व्यवस्थित करने का सबसे बड़ा तरीका बन जाएगा? उन्होंने माना कि माइक्रोसॉफ्ट इसे समय पर नहीं समझ सका, जबकि गूगल ने इसे पहचाना और बेहतरीन तरीके से लागू किया।

हम चूक गए, गूगल ने कर दिखाया... सत्या नडेला ने बताई माइक्रोसॉफ्ट की सबसे बड़ी गलती
हम चूक गए, गूगल ने कर दिखाया... सत्या नडेला ने बताई माइक्रोसॉफ्ट की सबसे बड़ी गलती फोटोः IANS

माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने स्वीकार किया है कि उनकी सबसे बड़ी गलतियों में से एक यह थी कि वे इंटरनेट पर सर्च इंजन के दबदबे को सही समय पर नहीं समझ पाए। गूगल ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया और इसे अपने सबसे बड़े व्यवसाय के रूप में विकसित किया।

Published: undefined

सत्य नडेला ने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट ने शुरुआत में यह सोचा था कि वेब हमेशा डिसेंट्रलाइज्ड रहेगा, यानी अलग-अलग वेबसाइट स्वतंत्र रूप से काम करेंगी। लेकिन वे यह नहीं समझ पाए कि सर्च इंजन ही वेब का सबसे महत्वपूर्ण बिजनेस मॉडल बन जाएगा। उन्होंने इसे एक बड़ा सीखने वाला अनुभव बताया और कहा, "हमने वेब पर सबसे बड़े बिजनेस मॉडल को समझने में चूक कर दी, क्योंकि हमने मान लिया था कि वेब सिर्फ स्वतंत्र रूप से बंटा हुआ रहेगा।"

Published: undefined

यूट्यूबर द्वारकेश पटेल के साथ बातचीत में नडेला ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट ने सर्च इंजन की अहमियत को कम आंका, जबकि गूगल ने इसे सही समय पर पहचान कर अपनी रणनीति को सफलतापूर्वक लागू किया। नडेला ने कहा, "कौन सोच सकता था कि सर्च इंजन वेब को व्यवस्थित करने का सबसे बड़ा तरीका बन जाएगा?" उन्होंने माना कि माइक्रोसॉफ्ट इसे समय पर नहीं समझ सका, जबकि गूगल ने इसे पहचाना और बेहतरीन तरीके से लागू किया।

Published: undefined

उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ तकनीकी बदलाव को समझना काफी नहीं है, बल्कि यह भी पहचानना जरूरी है कि असली लाभ कहां मिलेगा। नडेला ने यह भी कहा कि व्यापार के तरीकों में बदलाव लाना, नई तकनीक सीखने से ज़्यादा मुश्किल होता है। उन्होंने अपने करियर में आए कई बड़े तकनीकी बदलावों को याद किया, जैसे मेनफ्रेम कंप्यूटर से पर्सनल कंप्यूटर तक का सफर और उसके बाद क्लाइंट-सर्वर आर्किटेक्चर का विकास।

Published: undefined

उन्होंने वेब के उभरने पर भी चर्चा की और बताया कि कैसे मोज़ेक और नेटस्केप जैसे ब्राउजर आने के बाद माइक्रोसॉफ्ट को अपनी रणनीति बदलनी पड़ी। 1992 में सन माइक्रोसिस्टम्स में काम करने के बाद माइक्रोसॉफ्ट से जुड़ने वाले नडेला ने तकनीकी दुनिया के कई बदलाव देखे हैं। उन्होंने मैंगलोर यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली है, यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन-मिल्वौकी से कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री और यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो से एमबीए किया है।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined

  • बड़ी खबर LIVE: भगदड़ मामले में RCB पर चलेगा आपराधिक मुकदमा, जांच रिपोर्ट पर कर्नाटक सरकार ने दी मंजूरी

  • ,
  • प्लेन क्रैशः AAIB ने पायलट की भूमिका बताने वाली खबरों को किया खारिज, अंतिम रिपोर्ट तक प्रतीक्षा करने की अपील की

  • ,
  • अर्थजगतः अमेरिका 150 से ज्यादा देशों पर एक समान टैरिफ लागू करेगा और भारतीय शेयर बाजार लुढ़का

  • ,
  • तेजस्वी ने 35 लाख वोटर के पते पर नहीं मिलने के आयोग के दावे को किया खारिज, BJP का प्रकोष्ठ बन जाने का लगाया आरोप

  • ,
  • खेल: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टी20 के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहेंगे रसेल और रिद्धिमान साहा बनेंगे कोच