कोरोना महामारी के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक बार फिर पीएम मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने सवाल उठाया है कि कोविड से हुई मौतों के बारे में सरकार के आंकड़ों और श्मशानों-कब्रिस्तानों के आंकड़ों में इतना फर्क क्यों?
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उन्होंने ट्वीट करके कहा, “कोविड से हुई मौतों के बारे में सरकार के आंकड़ों और श्मशानों-कब्रिस्तानों के आंकड़ों में इतना फर्क क्यों? मोदी सरकार ने आंकड़ों को जागरूकता फैलाने और कोविड वायरस के फैलाव को रोकने का साधन बनाने के बजाय प्रोपागैंडा का साधन क्यों बना दिया?” उन्होंने एक बार फिर पूछा इसके लिए जिम्मेजदार कौन है?
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प्रियंका गांधी ने आज कल जिम्मेदार कौन सीरीज के तहत लगातार बीजेपी सरकार से सवाल पूछ रही है। इससे पहले 7 जून को प्रियंका गांधी ने कहा था कि मोदी सरकार कोरोना महामारी के दौर में भी आंकड़ों की बाजीगरी से बाज़ नही आई और संक्रमितों से लेकर कोरोना से मरने वाले लोगों की संख्या का आंकडा बताने में खेल करती रही है। प्रियंका ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि कोरोना महामारी में लोगों ने सरकार से आंकड़ों की पारदर्शिता की आवश्यकता स्पष्ट की थी। ये इसलिए जरूरी है कि आंकड़ों से कई बातों का पता लगता है और उससे फिर बेहतर तरीके से इलाज देना संभव होता है।
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उन्होंने कहा था कि आंकड़ों से ही बीमारी का फैलाव क्या है, संक्रमण ज्यादा कहां है, किन जगहों को सील करना चाहिए या फिर कहां टेस्टिंग बढ़ानी चाहिए। इसका पता चलता है। लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ। प्रियंका ने पूछा कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है?
इससे पहले 5 जून को प्रियंका गांधी ने कहा था कि जब जनवरी में प्रधानमंत्री जी "कोरोना से युद्ध जीत लेने" की झूठी घोषणाएं कर रहे थे, उसी समय देश में ऑक्सीजन बेडों की संख्या 36%, आईसीयू बेडों की संख्या 46% और वेंटिलेटर बेडों की संख्या 28% घटा दी गई। स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त करने की सलाहों को दरकिनार किया। जिम्मेदार कौन?
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