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मंदिर-मस्जिद पर मध्यस्थता के विकल्प से क्या पड़ेगा लोकसभा चुनावों पर असर !

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दे दिया है कि अयोध्या में विवादित जगह पर मंदिर-मस्जिद का विवाद सुलझाने केलिए बातचीत की जाए और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इस बातचीत की मध्यस्थता हो।इसके लिए कोर्ट ने तीन सदस्यीय पैनल बना दिया है, जो 8 सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।

फोटो : Getty Images
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क्या सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से चुनावों पर असर पड़ेगा? क्या चुनाव पूरे होने तक बातचीत पूरी हो जाएगी?

सुप्रीम कोर्ट के फैसले की मोटी बात यह है कि तीन सदस्यीय पैनल एक सप्ताह में बातचीत शुरु करे। यानी इस पैनल को 15 मार्च तक बातचीत शुरु करनी है। इसके बाद चार सप्ताह का समय सुप्रीम कोर्ट ने बातचीत के लिए दिया है। यानी 15 मई तक इस मामले में बातचीत पूरी हो और पैनल सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपे।

अब नजर डालते हैं चुनावी परिदृश्य पर। संभावना है कि चुनाव आयोग अगले 3 से 5 दिनों में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर देगा। सूत्रों के मुताबिक चुनाव अप्रैल-मई माह में 8 या 9 चरणों में होने हैं। इस तरह सभी दौर का मतदान पूरा होने तक सिर्फ पैनल की बातचीत ही पूरी होगी और उसके बाद वह अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगा।

वैसे भी इस सरकार का कार्यकाल 26 मई को खत्म हो रहा है और मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल 3 जून तक ही है। ऐसे में मंदिर-मस्जिद का मामला चुनावों में मुद्दा बनने वाला नहीं लगता।

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