दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को उस याचिका पर लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा को नोटिस जारी किया जिसमें 2025 के विधानसभा चुनाव में नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से उनके निर्वाचन को चुनौती दी गई है।
न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने नोटिस जारी किया और निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली से चुनाव लड़ने वाले आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल तथा कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित समेत 23 उम्मीदवारों से जवाब मांगा।
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याचिका एक व्यक्ति ने दायर की है जिसने दावा किया है कि उसे चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने के लिए नामांकन दाखिल करने की अनुमति नहीं दी गई थी। उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 27 मई तय की है।
याचिका में याचिकाकर्ता विश्वनाथ अग्रवाल ने नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव को अमान्य घोषित करने का अनुरोध किया है।
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उन्होंने निर्वाचन आयोग से इस सीट पर नए सिरे से चुनाव कराने का निर्देश देने की भी मांग की। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि 17 जनवरी को अपराह्न तीन बजे से पहले सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में उपस्थित होने के बावजूद, उन्हें चुनाव में भाग लेने के लिए आवश्यक नामांकन पत्र जमा करने की अनुमति नहीं दी गई।
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विश्वनाथ अग्रवाल ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि नामांकन दाखिल करने के टाइम पर सिर्फ कुछ ही उम्मीदवार रिटर्निंग ऑफिसर के कमरे में एंट्री कर सकते थे, जबकि अन्य को वेट करने के लिए कहा गया था। उन्होंने कहा कि जब तक पहले एंट्री करने वाले कैंडिडेट बाहर आए, तब तक दोपहर के तीन बज चुके थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें आरओ द्वारा परिसर छोड़ने या गंभीर परिणाम भुगतने के लिए “धमकी दी गई और डराया” गया।
चुनाव में 30,088 वोट हासिल करने वाले वर्मा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 4,089 मतों के अंतर से हराया।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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