योगी सरकार की पुलिस ने एक बार फिर मानवता को शर्मसार की है। खबरों के मुताबिक, बागपत के सिसाना गांव में पुलिस ने एक लावारिस शव का अंतिम संस्कार टायर, कूड़ा और केरोसीन जलाकर कर दिया। इसका वीडियो सोशल मीडिया वायरल हो गया। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने कार्रवाई करते हुए हेड कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया है।
इस मामले पर पुलिस स्टेशन इंचार्ज राकेश कुमार सिंह ने बताया, “शव को बागपत के नजदीक सिसाना के जंगलों से 7 जनवरी को बरामद किया गया था। हमने तीन दिन तक इंतजार किया कि लावारिश शव का पता चल सके। इसके लिए जिले में पुलिस थानों में लापता लोगों के बारे में दर्ज एफआईआर से शव की शिनाख्त भी किया गया। हालांकि, हमें कोई जानकारी नहीं मिली। हमने हेड कॉन्स्टेबल जयवीर सिंह को अंतिम संस्कार करने को कहा। ऐसा लगता है कि उसने लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के बदले मिलने वाले पैसे को अपने पास रख लिया और लावारिश शव को इस तरीके से अंतिम संस्कार कर दिया।”
बागपत के एसपी शैलेश कुमार पांडेय ने बताया, “वीडियो में यह साफ दिख रहा है कि लावारिस शव को टायर, प्लास्टिक वेस्ट और कम लकड़ियों का इस्तेमाल करके अंतिम संस्कार किया जा रहा है। यह न केवल अनैतिक है, बल्कि ऐसे शवों के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया का उल्लंघन है।” उन्होंनें आगे कहा कि मामले को गंभीरता को देखते हुए हेड कांस्टेबल जयवीर सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। एसपी ने बताया कि कोतवाली प्रभारी आरके सिंह ने हेड कांस्टेबल को शव के अंतिम संस्कार के लिए साढ़े चार हजार रुपये भी दिए थे, लेकिन इसके बावजूद शव का अंतिम संस्कार टायरों से कर दिया। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वहीं, आरोपी कॉन्स्टेबल जयवीर सिंह ने बताया, ‘श्मशान से जो मैंने लकड़ियां खरीदी थीं, वो गीली थीं इसलिए मैंने चिता जलाने के लिए टायर और केरोसीन का इस्तेमाल किया। एक बार आग पकड़ने के बाद, मैंने टायर हटा लिए, लेकिन वीडियो में उस हिस्से को हटा दिया गया। मैंने श्मशान भूमि पर शव का अंतिम संस्कार न करने के लिए एसपी से लिखित में माफी मांगी है।
Published: 11 Jan 2019, 11:35 AM IST
हालांकि हेड कांस्टेबल जयवीर सिंह ने अपनी सफाई में कहा है कि लकड़ियां गीली होने के कारण आग नहीं पकड़ रही थी। इसलिए उसने लकड़ी जलाने के लिए गाड़ी के टायर का प्रयोग किया। आग लगाने के लिए गाड़ी का टायर जलाया गया था। जब लकड़ी में आग लग गई तो टायर हटा दिया था। उसने एसपी से लिखित में गलती भी मानी है।
बता दें कि बागपत जिले में शव से दुर्गति का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी यमुना खादर में पुलिसकर्मियों द्वारा इसी तरह से लावारिस शवों का अंतिम संस्कार किया गया।
Published: 11 Jan 2019, 11:35 AM IST
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Published: 11 Jan 2019, 11:35 AM IST