विचार

विष्णु नागर का व्यंग्यः हिन्दूवादी अधिकृत राष्ट्रवादी घोषित, विरोध दूर, भड़काने का आरोप भी नहीं लगा सकता कोई!

फैसले में उकसाने-भड़काने को उदाहरण देकर परिभाषित किया गया है। जैसे- राहुल गांधी का देश के किसी भी मुद्दे पर मुंह खोलना इस श्रेणी में आएगा। योगेन्द्र यादव, मेधा पाटकर आदि का कहा-लिखा-पढ़ा भी राष्ट्रद्रोह और उकसावा है!

फोटो सौजन्यः पीटीआई
फोटो सौजन्यः पीटीआई 

सरकार ने हिन्दूवादियों को भड़कने और भड़काने का औपचारिक अधिकार प्रदान करने का फैसला किया है! विश्व भर में अपने ढंग का 'पहला और ऐतिहासिक' निर्णय लेने के साथ ही सरकार ने हिन्दूवादियों को अधिकृत राष्ट्रवादी घोषित किया है! ये मांगें काफी समय से की जा रही थीं। इन निर्णयों को 'साहसिक' और 'अभिनंदनीय' और 'क्रांतिकारी' बताते हुए इन संगठनों ने सरकार के प्रति आभार प्रकट किया है!

Published: undefined

इस निर्णय में स्पष्ट किया गया है कि इन अधिकारों के पात्र धर्मनिरपेक्ष हिन्दू और अन्य धर्मावलंबी नहीं होंगे! केवल हिन्दूवादी ही इसके पात्र होंगे! बीजेपी, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल आदि संघ परिवारी संगठनों से सक्रिय रूप से जुड़े सदस्यों को स्वतः इससे लाभान्वित होंगे,जबकि अन्य हिंदूवादी संगठनों की पात्रता पर आगे विचार किया जा सकता है!

Published: undefined

आदेश में कहा गया है कि अधिकृत देशभक्तों पर अब भड़कावे का आरोप नहीं लगाया जा सकेगा। उनके भड़काने से भड़कने का हक भी किसी को नहीं होगा। इस आदेश को कानूनी चुनौती देने वालों के परिवारजन, उनके रिश्तेदार और पक्षकार देशद्रोही घोषित होंंगे और इसकी कोई अपील किसी अदालत में मान्य नहीं होगी! उनकी नागरिकता रद्द कर उन्हें पाकिस्तान या बांग्लादेश में से उनकी पसंद के किसी एक देश में धकेल दिया जाएगा, जिसके समस्त परिणामों के लिए वे स्वयं जिम्मेदार होंंगे!

Published: undefined

हिन्दूवादी-राष्ट्रवादी, किसानों को या किसी और को खालिस्तानी, आतंकवादी, पाकिस्तानी या अरबन नक्सल, टुकड़े-टुकड़े गैंग या कुछ और कहने-मानने के लिए अधिकृत हैं! सरकार का विरोध करने वाले अल्पसंख्यकों की पहचान उनके कपड़ों से करना भी अब से राष्ट्रभक्ति का पर्याय और हिन्दू भावनाओं का प्रकटीकरण होगा! इसकी आलोचना-निंदा अपराध होगी।

इस निर्णय में स्पष्ट किया गया है कि इन अधिकारों के पात्र धर्मनिरपेक्ष हिन्दू और अन्य धर्मावलंबी नहीं होंगे! केवल हिन्दूवादी ही इसके पात्र होंगे! बीजेपी, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल आदि संघ परिवारी संगठनों से सक्रिय रूप से जुड़े सदस्यों को स्वतः इससे लाभान्वित होंगे, जबकि अन्य हिंदूवादी संगठनों की पात्रता पर आगे विचार किया जा सकता है!

Published: undefined

उकसाने-भड़काने को उदाहरण देकर परिभाषित किया गया है। राहुल गांधी का देश के किसी भी मुद्दे पर मुंह खोलना इस श्रेणी में आएगा। योगेन्द्र यादव, मेधा पाटकर आदि का कहा-लिखा-पढ़ा भी राष्ट्रद्रोह और उकसावा है! शाहीनबाग की महिला प्रदर्शनकारियों का या किसानों की मांगों का समर्थन करना भड़कावा है। इसके विपरीत हिन्दूवादी गली-गली, मोहल्ले-मोहल्ले, गांव-गांव जाकर अल्पसंख्यकों को देश का दुश्मन कहें, तलवारों, त्रिशूलों का उन्हें डर दिखाएं, उनकी औकात दिखाएं, दंगा करवाएं, यह देशभक्ति है! अगर अल्पसंख्यक डर कर इन पर पत्थर फेंके, तो यह देशद्रोह है! इस कारण न केवल उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है, उनके घर तोड़े-जलाए जा सकते हैं, उन्हें रोजगार से वंचित किया जा सकता है!

Published: undefined

सरकार ने एक तरह से कहा है कि हिन्दूवादियों की भावनाएं स्वभावतः भड़कनशील होती हैं, अत: उन पर किसी भी प्रकार का शाब्दिक प्रहार अमान्य होगा! इन दिनों यह काम स्टैंडअप कामेडियन भी करने लगे हैं। यहां तक कि देश के नेताओं की वे खिल्ली उड़ा रहे हैं, जिससे हिन्दूवादियों की धार्मिक और राष्ट्रवादी भावनाएं आहत हो रही हैं! सीरियल बनाने वाले भी हिन्दूवादियों की कोमल भावनाओं से खेलने लगे हैं। ऐसे मामलों में अदालत के सामने क्षमा मांगना अब क्षम्य नहीं होगा!

Published: undefined

सूत्रों का कहना है कि सरकार कुछ नया नहीं कर रही है। इस सरकार के आने के बाद से चली आ रही अनौपचारिक व्यवस्था को वह मात्र औपचारिक रूप दे रही है! अनौपचारिक व्यवस्था के चलते हिन्दूवादियों को अनेक बार 'अनावश्यक रूप से' हैरान-परेशान किया जा रहा था और सरकार को हस्तक्षेप करने के लिए विवश होना पड़ता था! कई बार अदालतें उनकी परेशानियों का सबब बन जाती थीं। सरकार के संज्ञान में ऐसे अनेक मामले आए थे। अंततः जनभावनाओं का आदर करते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है! यह आदेश पूर्व प्रभाव से लागू होगा। अगर कोई मामला अदालत में लंबित है या ऐसे कथित अपराधी जेलों में बंद हैं तो उन्हें शीघ्र ही ससम्मान बरी किया जाएगा! हिन्दुओं के देश में यह सरकार हिन्दुओं को और 'अपमानित' नहीं होने देने के लिए दृढ़प्रतिज्ञ है!

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined