विचार

'योगी जी' में दलित अत्याचार रोकने की कूवत ही नहीं, पीड़ितों का दुख बांटने वालों पर बरसा रहे लाठियां

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ‘महाराज जी’ यानी योगी आदित्यनाथ के राजकाज में हाथरस जैसी घटना कभी यहां, तो कभी वहां हो रही है और योगी इन पर नियंत्रण करने में बेबस हैं। वह इस कलंक को भी नहीं मिटा पा रहे कि उनके राज में ठाकुर जो चाहें, कर रहे हैं।

फोटो: INC Congress
फोटो: INC Congress 

वह अपने घर से बमुश्किल 200 मीटर दूर निर्वस्त्र, लहूलुहान और बेदम पड़ी मिली। यूपी पुलिस ने उसके घर से बमुश्किल 600 मीटर की दूरी पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। उसकी उम्र बमुश्किल 20 साल होगी। उस दलित युवती के साथ यह दुर्घटना भरी दुपहरी में हुई। उसकी मां ने मीडिया को बताया कि वह, उसकी बेटी और उसका बेटा चारा इकट्ठा करने सुबह 9 बजे खेत गए थे। एक घंटे के बाद उसका बेटा पानी पीने के लिए घर की तरफ गया। थोड़ी देर बाद जब वह भी घर जाने लगी, तो उसे बेटी कहीं नहीं दिखी। उसे लगा कि बेटी भी पानी पीने घर गई होगी। वह घर लौटने लगी तभी उसे बेटी की चप्पल दिखी। चिंतित होकर वह बेटी को ढूंढने लगी। उसने उसे निर्वस्त्र, लहू लुहान पड़े देखा। उसकी जीभ कटी थी, तो वह कुछ बोल नहीं पा रही थी। वह चीख रही थी। तो उसका बेटा उसे मोटरसाइकिल पर लादकर पहले पुलिस थाना और फिर अस्पताल लेकर भागा। वह बालिका जो नाम बता पा रही थी, वह संदीप का था। वह पास ही रहता है और ऊंची जाति( ठाकुर) का है।

Published: 02 Oct 2020, 5:05 PM IST

वह दर्द से बिलबिला रही थी, पर पुलिस वालों को नाटक लग रहा था। यह बात 14 सितंबर की है। अलीगढ़ के अस्पताल में भी परिवार को नहीं बताया गया कि उस बालिका की रीढ़ की हड्डी टूट चुकी है और इस वजह से उसे लकवा मार गया है। एक सप्ताह बाद वह कुछ-कुछ बताने लायक हुई, तो उसने तीन अन्य ठाकुर लड़कों के नाम बताए। उसने बताया कि उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया है। ये सभी चार लोग आखिरकार 12 दिनों बाद 26 सितंबर तक गिरफ्तार कर लिए गए। बालिका को 28 सितंबर को दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल ले जाया गया। अगले दिन उसकी मृत्यु हो गई।

Published: 02 Oct 2020, 5:05 PM IST

भले ही पूरा परिवार अस्पताल में मौजूद था, फिर भी अस्पताल प्रशासन ने शव पुलिस को सौंप दिया। यह बात फैली, तो दलित संगठन- भीम आर्मी के साथ कांग्रेस के लोग भी जमा हो गए। पुलिस अस्पताल के बाहर आकर लाठियां भांजने लगी। परिवार को बताया गया कि शव को हाथरस में उसके गांव ले जाया जा रहा है और वे भी वहीं पहुंचें।

टीवी चैनल सुशांत सिंह राजपूत-रिया चक्रवर्ती- दीपिका पादुकोण-कंगना रनौत में बिजी थे। पर शुक्र है कि कुछ को थोड़ी फुर्सत मिली और वे इस घटना के लिए वक्त निकाल पाए। फिर भी, कुछ निर्भीक महिला रिपोर्टर ही अपना धर्मनिभा पाईं। परिवार अपनी बच्ची के शव को अपने घर ले जाना चाह रहा था। लेकिन पुलिस? वह तो सनातन धर्म के नए रीति-रिवाज की नींव रखने में लगी थी। इंडिया टुडे टीवी की रिपोर्टर तनुश्री पांडे के ट्वीट से इसे समझा जा सकता हैः ‘मैं अपने कानों पर यकीन नहीं कर सकती। रोते-बिलखते परिवार को यूपी पुलिस के लोग ज्ञान दे रहे थे- रीति- रिवाज समय के साथ बदलते हैं। और आप लोग मानिए कि आप लोग से भी गलती हुई है।’ आखिरकार, परिवार वालों की इच्छा के विपरीत पुलिस वालों ने ही रात 2:30 बजे उसका अंतिम संस्कार कर दिया। इस पर तनुश्री ने ठीक ही ट्वीट किया कि ‘अगर बालिका के साथ किया उत्पीड़न डरावना था, तो यह तो मानवीयता के भी पार है।’

Published: 02 Oct 2020, 5:05 PM IST

पत्रकार रोहिणी सिंह ने भी ट्वीट किया कि ‘विदा। हम तुम्हें जीवन में सम्मान नहीं दे पाए। तुमने अपनी रीढ़ तुड़वा ली लेकिन क्या भारत अपने को पहचान पाएगा?’ लेकिन यह सब तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ‘महाराज जी’ योगी आदित्यनाथ के राजकाज की एक कड़ी भर है। इस तरह की घटना कभी यहां, तो कभी वहां हो रही है और योगी इन पर नियंत्रण करने में बेबस हैं। वह इस कलंक को भी नहीं मिटा पा रहे कि उनके राज में ठाकुर जो चाहें, कर रहे हैं। वह तो पीड़ित परिवार से मिलकर सांत्वना देने की जरूरत भी नहीं समझते, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर अपने कर्तव्य की इतिश्री समझ रहे। हां, इस मामले में परिवार से मिलकर और उनके दुःख को बांटने के लिए हाथरस जाते हुए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। राहुल गांधी पर तो पुलिस ने लाठी चलाई और उन्हें धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया गया।

ऐसे में, दलित मुद्दों और जातिगत भेदभाव को लेकर मुखर मीना कंदासामी ने ‘रेप नेशन’ कविता में सही ही लिखा हैः

“हाथरस में, पुलिस ने एक बलात्कार पीड़ित महिला के घर पर मोर्चाबंदी की,

उसकी लाश को ठिकाने लगाओ, उसे एक जानलेवा रात में,

अपनी मां के दर्दसे बहरी हुए ऐसी भूमि में जहां

दलित शासन नहीं कर सकते, वे क्रोध नहीं कर सकते, या शोक भी नहीं कर सकते।

यह पहले भी हुआ है, यह फिर से होगा।”

“सनातन, भूमिका एक मात्र कानून जो लागू है,

सनातन, जहां कुछ भी नहीं, कुछ भी कभी नहीं बदलेगा।

सारी महिलाएं बस सेक्स की चीज हैं,

उन्हें उनके साथ बलात्कार करना है।”

(यह लेख एजे प्रबल द्वारा लिखी गई है)

Published: 02 Oct 2020, 5:05 PM IST

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Published: 02 Oct 2020, 5:05 PM IST