विचार

विष्णु नागर का व्यंग्य: मोदीजी की जुबान पहुंच गई, बिजली को जब पहुंचना होगा तब पहुंचेगी!

चार करोड़ से ज्यादा घर अभी भी अंधेरे में हैं तो क्या हुआ, मगर मोदीजी ने तो अपनी तरफ से सारे देश को बिजली की रोशनी से नहला, धुला और टावेल से पोंछकर, पाउडर लगाकर राजाबाबू बनाकर बैठा दिया है!

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया मोदीजी वादा और दावा सम्राट हैं

मोदीजी वादा और दावा सम्राट हैं। इन सम्राट ने अभी-अभी सारे भारत को बिजली की रोशनी से नहला दिया है। चार करोड़ से ज्यादा घर अभी भी अंधेरे में हैं तो क्या हुआ, मगर उन्होंने तो अपनी तरफ से सारे देश को बिजली की रोशनी से नहला, धुला और टावेल से पोंछकर, पाउडर लगाकर राजाबाबू बनाकर बैठा दिया है! उन्होंने अपना काम कर दिया है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सैकड़ों गांवों तक बिजली का ‘ब’ नहीं पहुंचा है, मगर मोदीजी ने वहां भी ‘बि’, ‘ज’ और ‘ली’ पहुंचा दी है। 2014 तक यूपीए ने पहुंचा दी होगी 96.05 प्रतिशत गांवों में बिजली, मगर इन्होंने बाकी 3.05 फीसदी गांवों में तथाकथित रूप से पहुंचा दी है, यह बड़ी बात है या वह बड़ी बात! आप ही निष्पक्ष होकर बताओ!

जो यह नहीं जानता कि मन क्या बला है, वह अगर देश के लोगों से 'मन की बात' कर सकता है तो फिर वह क्या नहीं कर सकता? बिजली तो उसके हाथ का मैल है। जो बिहार में मात्र एक हफ्ते में 8 लाख 50 हजार टायलेट बनवा सकता है यानी हर घंटे में 842 टायलेट बनवाने का हवाई रिकॉर्ड रच सकता है, उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं। हो सकता है कि उसने आपके बैंक खाते में 15 लाख रुपये भी खुद  बैंक-बैंक जाकर डाल दिए हों, एक बार एकाउंट जरूर चेक कर लें, वरना उस गरीब को दोषी ठहराओगे और उसे वोट नहीं दोगे। अगर  वहां कुछ न मिले, ठनठन गोपाल प्रकट हों तो समझना तुम्हारा भाग्य खराब था, गलती तुम्हारी थी, दावा सम्राट की नहीं!

मोदीजी जुबान के कच्चे भले हों मगर वादा करने के मामले में  एकदम 'सस्ता नहीं अच्छा' वाली सीमेंट की तरह पक्के हैं। जुबान से वह सबकुछ कर देते हैं - गेंती-फावड़ा चला देते हैं, एक के बदले दस पाकिस्तानी सैनिकों के सिर ला सकते हैं, सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान को चरणों में झुकाने का दावा करके अपने सैनिकों को ज्यादा से ज्यादा मरवा देते हैं, डोकलाम में चीन को सबक सिखाने चलते हैं और खुद सबक सीखकर आ जाते हैं। वह स्टैंड अप, सिट डाउन, लाइ डाउन इंडिया सब कर सकते हैं। भारत को जुबान चलाकर, दौड़ने, कुदाने, गोल्ड मेडल दिलाने वाला आज तक एक ही प्रधानमंत्री हुआ है और उसका नाम सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी है। पहले था किसी की जुुबान में इतना दम? नेहरू जी, शास्त्री जी, इंदिरा जी को तो छोड़ो ही, क्योंकि वे कांग्रेसी थे मगर भाजपाई अटल जी में भी था इतना दम? इस बारे में सर्वसम्मति है कि नहीं था, मोदीजी की जुबान में ही इतना दम है और खम है और बम है। उसी की जुबान में इतना दम हो सकता है, जो गड्ढे  खोदने को टायलेट बनाना घोषित कर सकता है, जो गांवों के अंधेरे को जुबान चलाकर रोशनी से लबालब भरना समझता है! फिर ढोल मजीरे बजा अपना गाना जग को सुनाता है कि उसीने सब किया है, उसे सिवाय मोदी के कुछ और कह नहीं सकते।

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वह जुबान से सबका साथ, सबका विकास करा देता है, ऐसा हिंदू ह्रदय सम्राट केवल मोदी है, मोदी है। उसकी जुबान इसे भारत से इंडिया बना देती है और फिर इंडिया का पीएम अमेरिका के प्रेसिडेंट से मिलने बार बार वाशिंगटन जाता है और इंडिया इतने भर से अमेरिका बन जाता है! जुबान से काशी क्योटो बन जाता है और क्योटो बेचारा चकित हो टुकुर-टुकुर देखता रह जाता है, बोल भी नहीं पाता! और देखना अगर देश के दुर्भाग्य से और उनके सौभाग्य से वह 2019 में जीत गए तो 2022 में जुबान ही जुबान से वह भारत को कहां से कहां पहुंचा देंगे! भारत को उन बलाओं से भी मुक्त करा देंगे, जिनके पुनरुत्थान और विकास में  उनका अतुलनीय, ऐतिहासिक और अभूलनीय योगदान है, जैसे सांंप्रदायिकता, भ्रष्टाचार, जातिवाद, आतंकवाद। जुबान है तो जहान है, जुबान है तो चलना उसका काम है और यही देश का विकास है, रामराज्य का पुनरागमन है।

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