शख्सियत

जन्मदिन विशेष: बोलती आंखों और सरगोशियां करती आवाज वाली स्मिता

असामयिक मृत्यु ने स्मिता पाटिल के फिल्मी सफर को भले ही छोटा कर दिया हो, लेकिन उस सफर के दौरान उन्होंने हिंदी सिनेमा को जो यादगार किरदार दिए उसे लोग आज भी भूल नहीं पाए हैं।



फोटो: सोशल मीडिया 
फोटो: सोशल मीडिया  

17 अक्टूबर मशहूर अभिनेत्री स्मिता पाटिल के जन्म का दिन है। असामयिक मृत्यु ने उनके फिल्मी सफर को भले ही छोटा कर दिया हो, लेकिन उस सफर के दौरान स्मिता ने हिंदी सिनेमा को जो यादगार किरदार दिए उसे लोग आज भी भूल नहीं पाए हैं।

Published: 17 Oct 2017, 3:05 PM IST

17 अक्टूबर 1955 को पुणे में जन्मीं स्मिता के पिता शिवाजी राय पाटिल महाराष्ट्र सरकार में मंत्री थे, जबकि उनकी मां एक समाज सेविका थीं। उनका नाम स्मिता रखे जाने के पीछे एक दिलचस्प कहानी है। जन्म के वक्त उनके चेहरे पर मौजूद मुस्कराहट देख उनकी मां विद्या ताई पाटिल ने उनका नाम स्मिता रख दिया। यह मुस्कान आगे चलकर उनके व्यक्तित्व का सबसे आकर्षक पहलू बन गई। स्मिता पाटिल अपने गंभीर अभिनय के लिए जानी जाती हैं।

Published: 17 Oct 2017, 3:05 PM IST

अपने सशक्त अभिनय से दर्शकों के बीच अलग पहचान बनाने वाली स्मिता ने महज 31 वर्ष की उम्र में 13 दिसंबर 1986 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया।16 साल की उम्र में स्मिता न्यूज रीडर की नौकरी करने लगी थीं। इसी दौरान उनकी मुलाकात निर्देशक श्याम बेनेगल से हुई और बेनेगल ने उन्हें अपनी फिल्म 'चरण दास चोर' में एक छोटी सी भूमिका निभाने का मौका दिया। स्मिता ने 60 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। उन्हें फिल्म 'चक्र' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

अपने अभिनय के जरिये दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ने वाली स्मिता के हिस्से 'भूमिका', 'मंथन', 'मिर्च मसाला', 'अर्थ', 'मंडी' और 'निशांत' जैसी समानांतर फिल्में हैं तो दूसरी तरफ 'नमक हलाल' और 'शक्ति' जैसी लोकप्रिय फिल्में भी हैं। उन्होंने व्यावसायिक सिनेमा और समानांतर सिनेमा में एक सामंजस्य बनाने की कोशिश की। ‘बाजार’, ‘अर्धसत्य’, ‘दर्द का रिश्ता’, ‘कसम पैदा करने वाले की’, ‘आखिर क्यों’, ‘गुलामी’, ‘अमृत’, ‘नजराना’ और ‘डांस डांस’ जैसी अलग-अलग किस्म की फिल्में उनकी इसी कोशिश का नतीजा हैं जिनमें स्मिता पाटिल के अभिनय के विविध रूप दर्शकों को दिखे।

Published: 17 Oct 2017, 3:05 PM IST

फोटो: सोशल मीडिया 

1985 में भारतीय सिनेमा में उनके अमूल्य योगदान के लिए उन्हें पदमश्री से सम्मानित किया गया। उन्होंने फिल्म ‘आज की आवाज’ में अभिनेता राज बब्बर के साथ काम किया जिस दौरान दोनों के बीच प्रेम शुरू हो गया और 1986 में उन्होंने शादी कर ली।

Published: 17 Oct 2017, 3:05 PM IST

बेटे प्रतीक बब्बर को जन्म देने के कुछ वक्त बाद हुए इन्फेक्शन की वजह से स्मिता की मृत्यु हो गई। स्मिता पाटिल के मौत के बाद उनकी 14 फिल्में रिलीज हुईं, ‘गलियों का बादशाह’ उनकी आखिरी फिल्म थी।

Published: 17 Oct 2017, 3:05 PM IST

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: 17 Oct 2017, 3:05 PM IST