सुरों के जादूगर सुखविंदर सिंह किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। सुखविंदर सिंह ने अपनी दमदार आवाज और अनोखी गायन शैली से भारतीय सिनेमा को अनगिनत यादगार गाने दिए हैं। उनकी कला ने न सिर्फ भारत बल्कि विश्व स्तर पर भी उन्हें ख्याति दिलाई है। 1990 के दशक में जलवा बिखरने वाले सुखविंदर सिंह आज भी भारतीय संगीत जगत के एक प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं। सुखविंदर सिंह 18 जुलाई को अपना 54वां जन्मदिन मनाएंगे।
सुखविंदर सिंह का जन्म 18 जुलाई 1971 को पंजाब के अमृतसर में हुआ। उन्होंने छोटी उम्र में ही गाना शुरू कर दिया था। मात्र 8 साल की उम्र में उन्होंने स्टेज पर फिल्म 'अभिनेत्री' का गाना "सा रे गा मा पा" गाया और दर्शकों के दिलों में पहली बार जगह बनाई।
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1990 के दशक के मध्य में उन्होंने विश्व भ्रमण कर विभिन्न संगीत शैलियों को समझने की कोशिश की। इसके बाद उन्होंने पंजाबी एल्बम 'मुंडा साउथहॉल दा' रिलीज की और मशहूर संगीतकार जोड़ी लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के साथ भी काम किया।
उनका पहला बॉलीवुड गीत "आ जा सनम" था, जो 1991 की 'खिलाफ' फिल्म में गाया गया, लेकिन ये गाना ज्यादा चर्चित नहीं रहा। हालांकि, साल 1998 में मणिरत्नम की फिल्म ‘दिल से’ का गाना ‘छैंया-छैंया’ उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। इस गाने ने सुखविंदर सिंह को रातों-रात स्टार बना दिया। इस गीत के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला।
यहां से सुखविंदर सिंह के हिट गानों का सिलसिला चलता ही गया। उन्होंने '1947: अर्थ', 'बीवी नंबर 1', 'दिल्लगी', 'जानवर', और कई अन्य फिल्मों में हिट गाने दिए।
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सुखविंदर सिंह ने शाहरुख खान, सलमान खान, अजय देवगन, अक्षय कुमार, रणबीर कपूर और अन्य बड़े सितारों के लिए भी प्लेबैक किया है। संगीतकार ए.आर. रहमान के साथ उनकी साझेदारी बेहद सफल रही, जिसमें 'रामता जोगी', 'ताल से ताल मिला', 'रुत आ गई रे' जैसे कई सुपरहिट गाने शामिल हैं।
सुखविंदर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान तब मिली जब उन्होंने एआर रहमान के साथ फिल्म ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ के लिए ‘जय हो’ गाया। इस गीत ने उन्हें ऑस्कर, ग्रैमी और क्रिटिक्स चॉइस अवॉर्ड दिलाए।
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सुखविंदर सिंह की सफलता के साथ एक दिलचस्प किस्सा भी जुड़ा हुआ है। जानकर हैरानी होगी कि इस दिग्गज सिंगर से एक बार खुद एआर रहमान को भी माफी मांगनी पड़ी थी। वाकया यह है कि जब एआर रहमान को 'जय हो' गाने के लिए ऑस्कर अवॉर्ड मिला था, तब वह सुखविंदर सिंह का नाम लेना भूल गए थे, जो इस गाने के गायक थे। बाद में एआर रहमान ने इस पर एक इंटरव्यू में अफसोस जताते हुए सुखविंदर सिंह से माफी मांगी थी।
अपनी दमदार आवाज और जोशीले अंदाज से उन्होंने भारतीय संगीत को एक नई ऊंचाई दी। वे आज भी एक लोकप्रिय पार्श्वगायक के रूप में पहचाने जाते हैं।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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