राजनीति

खुद मंत्री और बेटा सांसद, पर मन नहीं भरा रामविलास का, बिहार में अपने ही ‘चिराग’ से एनडीए को बड़ा खतरा

रामविलास पासवान के परिवार के और लोग भी राजनीति में आने के लिए कसमसा रहे हैं। इसके लिए रामविलास के सांसद बेटे चिराग पासवान ने पूरी प्लानिंग कर रखी है। और इसीलिए एलजेपी नीतीश कुमार को आईना दिखाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रही है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

देश के सबसे सटीक राजनीतिक मौसम विज्ञानी रामविलास पासवान केंद्रीय मंत्री हैं। उनके बेटा चिराग पासवान सांसद हैं। लेकिन इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में उनके घर से ही कई दीपक जलते निकलें, तो कोई आश्चर्य नहीं। चिराग पासवान संभवतः इसीलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लगातार आईना दिखा रहे हैं।

रामविलास खुद राज्यसभा सदस्य हैं और उनकी पारंपरिक हाजीपुर लोकसभा सीट से इस बार रामविलास के सबसे छोट भाई पशुपति कुमार पारस ने जीत दर्ज की है।रामविलास और पारस के बीच वाले भाई रामचंद्र पासवान के निधन से खाली हुई सीट पर उपचुनाव में उनके बेट प्रिंस को सांसद बनाने के बाद फिलहाल इस परिवार के सभी घरों के सारे नेता संसद में हैं। पिछले साल पिता रामविलास से राष्ट्रीय अध्यक्ष का पदभार लेने से पहले संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष रहते हुए चिराग ने अपने चचेरे भाई प्रिंस को बिहार का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था।

Published: undefined

लेकिन पासवान परिवार की कहानी यहीं तक नहीं है। रामविलास की पहली पत्नी के छोटे दामाद साधु पासवान को आरजेडी ने अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। वह राजनीतिक मतभेद की बात करते हैं, लेकिन रामविलास से मनभेद की बात नहीं कर कहते। यानी, एक संभावना वह भी बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी पत्नी और रामविलास पासवान की छोटी बेटी आशा पासवान ने पिछले चुनाव में हाजीपुर से आरजेडी टिकट का प्रयास किया था, लेकिन बात नहीं बनी थी। यानी, रामविलास की पहली पत्नी की छोटी बेटी भी राजनीति में कूदने के लिए बेताब हैं।

हालांकि, फिलहाल रामचंद्र पासवान के बड़े बेटे के राजनीति में आने की संभावना नहीं है और पशुपति कुमार पारस का बेटा भी अभी नाबालिग है। एलजेपी के पुराने नेताओं का मानना है कि चिराग अब पूरे घर को लेकर चलें तो विधानसभा चुनाव में उनकी सौतेली मां के परिवार का नाम भी हो सकता है। साथ ही अगर चिराग के बिजनेसमैन बहनोई भी अचानक अवतरित हो जाएं तो आश्चर्य नहीं।

Published: undefined

इधर नीतीश सरकार के काम को अच्छा बताते हुए चिराग बार-बार हर योजना के बारे में यह बताने से भी नहीं चूक रहे कि काम और अच्छा हो सकता था। वह सरकार के लिए फीडबैक देकर उसे पॉजिटिव लेने के लिए भी कह रहे हैं और इसे सार्वजनिक तौर पर प्रचारित भी करवा रहे हैं। ऐसे में, चिराग की मंशा से जेडीयू के साथ बीजेपी भी परेशान है।

दरअसल बीजेपी के लिए परेशानी की वजह यह भी है कि पिछली सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे उसके सांसद रामकृपाल यादव पर भी एलजेपी डोरे डाल रही है। रामकृपाल यादव के बेटे अभिमन्यु को चिराग ने अपने पाले में कर लिया है। वह एलजेपी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, यह तय हो गया है।

Published: undefined

दरअसल पाटलिपुत्र से बीजेपी सांसद रामकृपाल इस बार केंद्रीय मंत्री नहीं बनाए गए जबकि उन्हें पूरी उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री मोदी उन्हें दोबारा मौका जरूर देंगे। ऐसे में, चिराग इन दिनों ऐसे ही लोगों को चुनने में व्यस्त हैं, चाहे वह बीजेपी हो या जेडीयू, यानी एनडीए को अपने घर के चिराग से ही सबसे पहले खतरा है। इससे इतना तो तय है कि विधानसभा चुनाव के टिकट बंटवारे में चिराग विशेष रूप से अपने दांव खेलेंगे।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined