राजनीति

'छगन भुजबल का अध्याय समाप्त करने की कोशिश की गई'; जितेंद्र आव्हाड का दावा- वह आसानी से झुकेंगे नहीं

जितेंद्र आव्हाड ने अपने पूर्व पार्टी सहयोगी के बारे में कहा, ‘‘अब भुजबल को पीछे धकेल दिया गया है। भुजबल अध्याय को खत्म करने का फैसला लिया गया है, लेकिन वह झुकने वाले नहीं हैं।’’

मंत्री नहीं बनाए जाने पर छगन भुजबल नाराज
मंत्री नहीं बनाए जाने पर छगन भुजबल नाराज फोटोः PTI

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र मंत्रिपरिषद में अजित पवार गुट के नेता छगन भुजबल को शामिल न करना उनके राजनीतिक करियर को खत्म करने के लिए लिया गया है, लेकिन वह ऐसे व्यक्ति हैं, जो आसानी से झुकने वाले नहीं हैं।

आव्हाड ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भुजबल के साथ अन्याय हुआ है।

पूर्व मंत्री ने कहा, ‘‘उनकी उम्र, स्वभाव और संघर्ष को देखते हुए उन्हें न्याय मिलना चाहिए था।’’

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आव्हाड ने अपने पूर्व पार्टी सहयोगी के बारे में कहा, ‘‘अब भुजबल को पीछे धकेल दिया गया है। भुजबल अध्याय को खत्म करने का फैसला लिया गया है, लेकिन वह झुकने वाले नहीं हैं।’’

भुजबल मंत्रिमंडल में जगह न मिलने से नाराज हैं और उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी जाहिर की है।

आव्हाड ने कहा कि भुजबल को एहसास हो गया होगा कि उनके खिलाफ साजिश किसने रची।

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शरद पवार के विश्वासपात्र भुजबल अविभाजित एनसीपी के नेताओं में से एक थे, जो पार्टी संस्थापक शरद पवार के खिलाफ बगावत करने के बाद अजित पवार खेमे में चले गए थे।

ओबीसी समुदाय के मजबूत नेता भुजबल एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पिछली सरकार में मंत्री थे।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को नागपुर में अपने मंत्रिपरिषद का विस्तार किया और अपनी टीम में 39 नए सदस्यों को शामिल किया, जिनमें 19 भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से, 11 शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना से और नौ अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से हैं।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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