बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में नए गठबंधनों के बनने और पुराने गठबंधनों में नए साथियों के आने-जाने का सिलसिला जारी है। हाल ही में 6 अक्टूबर को तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन के सीट बंटवारे के ऐलान के लिए आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ही तेजस्वी पर पीठ में छूरा घोंपने का आरोप लगाकर गठबंधन से नाता तोड़ने का ऐलान कर हंगामा करने वाले विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के मुकेश सहनी को अंततः इसका ईनाम मिल गया है और वह आधाकिरक तौर पर बीजेपी के साथी हो गए हैं।
बीजेपी ने बुधवार को मुकेश सहनी की वीआईपी के एनडीए में शामिल होने का ऐलान करते हुए उसे विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अपने कोटे से 11 सीटें देने का ऐलान कर दिया है। बीजेपी और वीआईपी की पटना में आयोजित साझाप्रेस कांफ्रेंस में बुधवार को इसकी घोषणा की गई। मौके पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि एनडीए में बीजेपी अपने कोटे की 11 सीटें वीआईपी को देगी और भविष्य में एक विधान परिषद की सीट भी पार्टी को देगी।
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इस दौरान बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कांग्रेस हो या राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) दोनों ने हमेशा पिछड़ों, अति पिछड़ों को ठगने का काम किया है। उन्होंने वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी का एनडीए में स्वागत करते हुए कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनाने में भी अतिपिछड़ों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने कहा, "विपक्षी दलों के महागठबंधन का आकार छोटा होता जा रहा है। इस गठबंधन में शामिल सभी दल एक-एक कर छोड़कर जा रहे हैं।"
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वहीं, वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत जहां से की थी, आज उनकी पुनर्वापसी हुई है। इसकी उन्हें खुशी है। उन्होंने कहा, "एक ओर जहां महागठबंधन में एक अति पिछड़े की पीठ में खंजर मारने का काम किया गया, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस पर मरहम लगाने का काम किया।" सहनी ने कहा कि उनकी पार्टी यहां किसी पद या सीट के लालच में नहीं आई है, बल्कि एनडीए की ओर से जो भी दायित्व उन्हें मिलेगा वे उसका निर्वहन करेंगे।
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गौरतलब है कि बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों में से एनडीए में शामिल जनता दल (युनाइटेड) के हिस्से 122 सीट आई हैं, जबकि बीजेपी के हिस्से 121 सीटें आई हैं। जेडीयू ने अपने कोटे से पूर्व सीएम जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को जहां सात सीटें दी हैं, वहीं बीजेपी ने अपने कोटे से वीआईपी को 11 सीटें दी हैं। हालांकि, महागठबंधन से नाता तोड़ते समय सहनी ने आरोप लगाया था कि उन्होंने 25-26 सीटें मांगी थी, लेकिन हामी भरने के बावजूद तेजस्वी ने उनकी पीठ में छूरा भोंक दिया। हालांकि बीजेपी ने उन्हें केवल 11 सीटें ही दी हैं।
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