
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी एनडीए सरकार में बिना चुनाव जीते बेटे को मंत्री बनाकर विवादों में आए राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ सहित कई नेताओं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ के अलावा इस्तीफा देने वालों में प्रदेश महासचिव सह प्रवक्ता राहुल कुमार और कई अन्य नेता भी शामिल हैं।
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सभी ने अपने-अपने त्यागपत्रों में पार्टी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा के कार्यशैली पर सवाल उठाए।राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को लिखे पत्र में कहा है, "मैं लगभग 9 वर्ष से आपके साथ काम कर रहा हूं, लेकिन अब कई राजनीतिक और सांगठनिक निर्णयों से अपने को जोड़ नहीं पा रहा हूं। ऐसी स्थिति में अब साथ काम करना संभव नहीं रह गया है। इसलिए पार्टी की अपनी जिम्मेदारी और प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देना ही उचित है।"
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प्रदेश महासचिव राहुल कुमार ने भी अपने इस्तीफे से संबंधित पत्र में नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी द्वारा हाल में लिए गए कई निर्णयों से वे असहज हैं, जिन्हें वे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस्तीफा देने वाले कई नेता उपेंद्र कुशवाहा के बेटे को बिना चुनाव लड़े मंत्री बनाए जाने के साथ ही विधानसभा चुनाव में हुई उपेक्षा से भी नाराज हैं।
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बता दें कि एक दिन पहले राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मदन चौधरी के निर्देश के बाद शेखपुरा जिला कमिटी को अचानक भंग कर दिया गया था। बताया जाता है कि इससे भी स्थानीय स्तर पर असंतोष बढ़ गया। उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोक मोर्चा एनडीए के साथ चुनाव मैदान में उतरी थी। आरएलएम ने छह सीटों पर चुनाव लड़ा और चार सीटों पर जीत हासिल की। लेकिन विवाद तब बढ़ गया जब कुशवाहा ने अपने बेटे दीपक प्रकाश को बिना चुनाव लड़े नीतीश सरकार में मंत्री बनवा दिया।
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