बिहार में चुनाव से पहले चुनाव आयोग द्वारा कराए गए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर जारी विवाद के बीच झारखंड विधानसभा में मंगलवार को एसआईआर के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया गया। प्रस्ताव में एसआईआर को संसदीय लोकतंत्र को कमजोर करने और गरीबों व दलितों को वंचित करने का एक प्रयास बताया गया है।
Published: undefined
झारखंड के संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने यह प्रस्ताव पेश किया और आरोप लगाया कि एसआईआर का उद्देश्य केंद्र में सत्तारूढ़ सरकार को सीधे तौर पर लाभ पहुंचाना है। उन्होंने कहा, ‘‘सदन की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए और सदन के नेता, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ परामर्श के बाद मैं ‘इंडिया’ गठबंधन की ओर से निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश कर रहा हूं।’’
Published: undefined
किशोर ने आरोप लगाया, ‘‘एसआईआर संसदीय लोकतंत्र को कमजोर करने और गरीबों व दलितों को वंचित करने का एक प्रयास है।’’ कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो से प्रस्ताव को मतदान के लिए रखने का आग्रह किया। अध्यक्ष ने उनका जवाब देते हुए कहा, ‘‘प्रस्ताव स्वतः ही पारित हो गया है क्योंकि सत्तारूढ़ गठबंधन के पास सदन में बहुमत है।’’
Published: undefined
वहीं सदन में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि बीजेपी इस तरह के प्रस्ताव का विरोध करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह का प्रस्ताव बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं को मतदाता बनाने की साजिश है। बीजेपी इसका विरोध करेगी।” वहीं विधानसभा में सुबह से ही हंगामा देखने को मिला। दोनों पक्षों के विधायक प्रदर्शन करने के लिए सदन के बीचोंबीच आ गए। अध्यक्ष महतो को हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined