राजनीति

उत्तर प्रदेश में बीएसपी अकेले लड़ेगी विधानसभा उपचुनाव, एसपी-बीएसपी महागठबंधन हो गया दो फाड़ !

2019 लोकसभा चुनाव में मिली हार पर आज दिल्ली में मायावती ने पार्टी के कार्यकर्ताओं की अखिल भारतीय स्तर पर मीटिंग बुलाई। इस बैठक में सभी बीएसपी सांसद और जिलाध्यक्ष भी शामिल हुए। बैठक में मायावती ने ऐलान किया कि बीएसपी सभी विधानसभा उपचुनाव अकेले लड़ेगी।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन टूट सकता है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने पार्टी की बैठक में कहा है कि यूपी के 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में उनकी पार्टी अकेले लड़ेगी। हालांकि अभी बीएसपी के गठबंधन से अलग होने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। लेकिन उनके इस फैसले से गठबंधन के टूटने के कयास लगाए जाने लगे हैं। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के सेंट्रल ऑफिस में सोमवार को हुई समीक्षा बैठक में मायावती गठबंधन से नाखुश नजर आईं। उन्होंने कहा कि गठबंधन से पार्टी को फायदा नहीं हुआ। यादव का वोट हमारी पार्टी को ट्रांसफर नहीं हुआ।

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सूत्रों की मानें, तो बीएसपी पदाधिकारियों से मिले फीडबैक के बाद मायावती ने बैठक में कहा कि गठबंधन का वोट चुनावों में ट्रांसफर नहीं हुआ। ऐसे में बीएसपी उपचुनाव अकेले ही लड़ेगी। बता दें कि लोकसभा चुनाव में बीएसपी के 10 प्रत्‍याशी संसद पहुंचे हैं, जिसके बाद खाली हुई सीटों पर छह महीने के भीतर चुनाव होने हैं।

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2019 लोकसभा चुनाव में मिली हार पर आज दिल्ली में मायावती ने पार्टी के कार्यकर्ताओं की अखिल भारतीय स्तर पर मीटिंग बुलाई। इस बैठक में सभी बीएसपी सांसद और जिलाध्यक्ष भी शामिल हुए। बैठक में मायावती ने ऐलान किया कि बीएसपी सभी विधानसभा उपचुनाव लड़ेगी।

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बीएसपी के उपचुनाव लड़ने के फैसले से जानाकर भी हैरान हैं। क्योंकि बीएसपी के इतिहास को देखें तो पार्टी उपचुनाव में प्रत्याशी नहीं उतारती है। वर्ष 2018 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भी पार्टी ने प्रत्याशी नहीं उतारे थे और एसपी को समर्थन दिया था। बाद में यही गठबंधन का आधार बना। लेकिन चुनाव परिणाम के बाद दोनों के बीच दरार की खबरें आ रही हैं।

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बता दें कि मुलायम सिंह यादव बीएसपी के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं थे। लेकिन अखिलेश ने मुलायम की सलाह को दरकिनार कर मायावती से चुनावी गठबंधन किया। इसका नतीजा ये रहा कि एसपी सात लोकसभा सीटों में से पांच में सिमट में गयी है।

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अखिलेश यादव हालांकि आजमगढ़ से लोकसभा का चुनाव जीत गए। लेकिन उनकी पत्नी और कन्नौज से सांसद डिंपल यादव चुनाव हार गयीं। यही नहीं अखिलेश के दो चचेरे भी अक्षय यादव फिरोजाबाद से और धर्मेन्द्र यादव बदायूं से भी पराजित हों गए। इन दोनों सीटों को यादव गढ़ माना जाता है। बदायूं में धर्मेन्द्र दो बार सांसद रह चुके हैं जबकि फिरोजाबाद में अक्षय यादव एक बार सांसद रह चुके हैं। मुलायम ने बीेएसपी से हुए गठबंधन को इनके हार का जिम्मेदार बताया।

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