राजनीति

महाराष्ट्र में बढ़ी सत्ताधारी पार्टी की टेंशन, नेता परेशान, खतरे में BJP प्रदेश अध्यक्ष की भी सीट? 

वोटिंग पर्सेंटेज खासतौर पर उन सीटों पर गिरा है जहां बीजेपी ने 2014 में बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। बीजेपी का गढ़ माने जाने वाले 5 विधानसभा क्षेत्रों कस्बा, कोथरूड, शिवाजीनगर, वडगांवशेरी और पार्वती में वोटिंग में काफी गिरावट दर्ज की गई है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र से भी बीजेपी के लिए टेंशन बढ़ाने वाली खबरें आ रही हैं। दरअसल पुणे की आठ विधानसभा सीटों पर 2014 के मुकाबले मतदान में कमी आई है। वोटिंग पर्सेंटेज खासतौर पर उन सीटों पर गिरा है जहां बीजेपी ने 2014 में बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। बीजेपी का गढ़ माने जाने वाले 5 विधानसभा क्षेत्रों कस्बा, कोथरूड, शिवाजीनगर, वडगांवशेरी और पार्वती में वोटिंग में काफी गिरावट दर्ज की गई है।

Published: 23 Oct 2019, 11:53 AM IST

बीजेपी को भी इस खतरे का एहसास है। उसके नेता भी मान रहे हैं कि कम वोटिंग चिंता की बात है। वहीं कांग्रेस नेता कम मतदान से उत्साहित हैं और उन्हें जीत की उम्मीद दिख रही है। गौरतलब है कि पुणे शहर में कांग्रेस तीन और एनसीपी 4 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ रही है। इनमें से सबसे चर्चित विधानसभा सीटों में शामिल कोथरूड में 2014 के मुकाबले मतदान प्रतिशतता में 8.4 पर्सेंट की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि यह सीट बीजेपी के लिए सेफ सीट माना जाता रहा है, लेकिन वोटिंग कम होना बीजेपी के लिए खतरे की घंटी है। बीजेपी ने यहां से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल को मैदान में उतारा है। पाटिल पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला एमएनएस के किशोर शिंदे से है। कांग्रेस और एनसीपी ने शिंदे को अपना समर्थन दिया है। ऐसे में पाटिल के लिए यहां से चुनाव जीतना मुश्किल लग रहा है।

Published: 23 Oct 2019, 11:53 AM IST

शिवाजीनगर को भी बीजेपी का गढ़ माना जाता है, लेकिन यहां भी मतदान में कमी देखी गई। ऐसे में बीजेपी का यह किला भी ध्वस्त हो सकता है। वहीं अंदरखाने चल रही गुटबाजी ने भी बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है। बीजेपी ने यहां पूर्व सांसद अनिल शिरोले के बेटे सिद्धार्थ शिरोले को मैदान में उतारा है। शिरोले को मौका वर्तमान विधायक विजय काले की जगह पर दिया गया है। इसकी वजह से बीजेपी को पार्टी में ही विरोध का सामना करना पड़ा। काले के कुछ समर्थक प्रचार अभियान या मतदान से दूर रहे।

Published: 23 Oct 2019, 11:53 AM IST

एक और विधानसभा सीट वडगांवशेरी में भी मतदान में भारी कमी देखी गई। यहां मतदान प्रतिशतता में 7.10 पर्सेंटेज की गिरावट हुई। पार्वती सीट पर भी मतदान प्रतिशत 6.83 पर्सेंट गिर गया। ये सारे संकेत बीजेपी के लिए बिल्कुल भी सही नहीं हैं। बीजेपी नेता भी मतदान प्रतिशत में आई कमी से डरे हुए हैं। वहीं कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के नेता रिज्लट को लेकर उत्साहित हैं।

Published: 23 Oct 2019, 11:53 AM IST

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Published: 23 Oct 2019, 11:53 AM IST