राजनीति

एनडीए में रहकर भी मोदी सरकार से दूरी बना रहे नीतीश, 4 राज्यों में बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला

जेडीयू और बीजेपी के नेता भले ही संबंधों में किसी प्रकार की कटुता से इंकार कर रहे हों, लेकिन जेडीयू के बिहार के अलावा अन्य राज्यों में अपने दम पर चुनाव लड़ने और बीजेपी के कई मुद्दों पर अलग राय रखने के बाद इन दो दलों के संबंधों में खटास के कयास लगने लगे हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार सहित जेडीयू और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता भले ही संबंधों में किसी प्रकार की कटुता से इंकार कर रहे हों, लेकिन जेडीयू के बिहार के अलावा अन्य राज्यों में अपने दम पर चुनाव लड़ने और बीजेपी के कई मुद्दों पर अलग राय रखने के बाद इन दो दलों के संबंधों में खटास के कयास लगने लगे हैं।

वैसे, नीतीश किसी भी गठबंधन में रहे हों, परंतु उनकी राजनीति अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करने की रही है। नीतीश की पार्टी जेडीयू जब आरजेडी के साथ महागठबंधन भी थी, तब भी नीतीश ने केन्द्र सरकार की नोटबंदी की तारीफ की थी। तब भी महागठबंधन के साथ नीतीश के रिश्ते को लेकर कयास लगाए जाने लगे थे, और आज फिर बीजेपी के साथ नीतीश के रिश्तों को लेकर कयासों का दौर गरम है।

Published: 11 Jun 2019, 8:30 PM IST

बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी ने तो बजाप्ता नीतीश को महागठबंधन में आने का न्योता तक दे दिया है। आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी कहते हैं, "केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के जम्मू एवं कश्मीर में धारा-370 और 35-ए हटाने, राम मंदिर बनाने और सामान आचार संहिता लागू करने के मुद्दे पर नीतीश कुमार क्या करेंगे?" उन्होंने आगे कहा, "नीतीश कुमार को भगवान बीजेपी के खिलाफ चेहरा बनने का एक और मौका दे रहा है और जब नीतीश कुमार इन मुद्दों पर एनडीए छोड़ेंगे, तो आरजेडी उनके साथ मजबूती से खड़ा होगा।"

Published: 11 Jun 2019, 8:30 PM IST

इसके अलावा बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी कहा है कि अगर सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन में आने की सोचते हैं, तो इससे उनको कोई ऐतराज नहीं होगा। गौरतलब है कि नीतीश कुमार की पार्टी एनडीए के साथ जरूर है, लेकिन उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने से इंकार कर दिया है। यही नहीं, जेडीयू महासचिव के. सी. त्यागी ने भी दो दिन पूर्व स्पष्ट कर दिया है कि जेडीयू चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में अकेले मैदान में उतरेगा।

Published: 11 Jun 2019, 8:30 PM IST

इस घोषणा के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुए इस निर्णय के लिए धन्यवाद भी दिया है। हालांकि जेडीयू के प्रवक्ता अजय आलोक ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को खुशफहमी नहीं पालनी चाहिए। उन्होंने कहा, "वह धन्यवाद देती हैं, ठीक है, परंतु जेडीयू एनडीए में है और आगे भी रहेगा। इसमें किसी को संशय नहीं रहना चाहिए।" आलोक ने कहा, "धन्यवाद से गलतियां कम नहीं हो जातीं। वहां से बिहारियों को भगाया जा रहा है। लगातार हत्याओं का दौर भी चल रहा है।"

Published: 11 Jun 2019, 8:30 PM IST

आरजेडी उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी बीजेपी को हराने के लिए सभी छोटे और क्षेत्रीय दलों को एकजुट होने को कहा है। उन्होंने नीतीश कुमार के जेडीयू को भी महागठबंधन में आने का न्योता दिया है। बहरहाल, नीतीश के जेडीयू को लेकर कयासों का दौर जारी है और एनडीए में रहकर जेडीयू के बीजेपी विरोध पर लोग अब कहने लगे हैं कि "यह रिश्ता क्या कहलाता है"।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

Published: 11 Jun 2019, 8:30 PM IST

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Published: 11 Jun 2019, 8:30 PM IST