कोरोना महामारी के संकट के दौरान चुनाव आयोग द्वारा वोटिंग के नियमों में किये गए बदलाव का विरोध शुरू हो गया है। बिहार की मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (आरेजडी) ने इन बदलावों का विरोध करते हुए चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है। आरजेडी सांसद मनोज झा द्वारा आयोग को लिखे गए पत्र में इन बदलावों को वापस लेने और सर्वदलीय बैठक बुलाकर चर्चा करवाने की मांग की गयी है।
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चुनाव आयोग को भेजे अपने पत्र में मनोज झा ने लिखा है कि इन बदलावों से चुनाव प्रक्रिया की प्रामाणिकता सवालों के घेरे में आएगी। पत्र में उन्होंने कहा कि “ऐसा देखा गया है कि चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से परामर्श किये बिना ही 1961 के अपने नियम में अतिरिक्त नियम जोड़ दिया है। ऐसे में बिहार में बड़ी राजनीतिक पार्टी होने के नाते, हमारी पार्टी आरजेडी इन बदलावों का पुरजोर विरोध करती है।”
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अपने पत्र में झा ने कहा है कि पोस्टल बैलेट के नियमों में आयोग ने जो बदलाव किया है उससे मतदाताओं की जांच प्रक्रिया बाधित होगी। आरजेडी सांसद ने आशंका जाहिर की है कि इन बदलावों का सीधा फायदा सत्तारूढ़ गठबंधन को होगा। मनोज झा का कहना है कि इन बदलावों का चुनावी व्यवस्था पर दूरगामी प्रभाव पड़ने वाला है। लिहाजा इस मुद्दे पर पहले सभी राजनीतिक दलों के साथ बातचीत होनी चाहिए।
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आरजेडी सांसद मनोज झा ने आयोग के फैसले को जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया है और कहा, "अभी बिहार विधानसभा चुनाव में काफी व़क्त है। ऐसे में मेरा मानना है कि केंद्र और राज्य सरकार लगातार अनलॉक की तरफ बढ़ रही हैं, इसलिए चुनाव आने तक हालात बदल जाएंगे।"
गौरतलब है कि मतदान के नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए चुनाव आयोग ने 65 साल से ज्यादा उम्र वालों को पोस्टल बैलेट यानी घर बैठे मतदान की सुविधा देने की घोषणा की थी। इसके साथ ही यह सुविधा आयोग ने कोरोना पॉजिटिव मरीजों या क्वारन्टीन हुए लोगों को भी दी है। इसी को लेकर धांधली की आशंका जताई जा रही है।
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