
पश्चिम बंगाल में जारी एसआईआर पर विवाद के बीच तृणमूल कांग्रेस ने 24 नवंबर को पार्टी की अब तक की सबसे बड़ी आंतरिक बैठक बुलाई है। बैठक वर्चुअल तरीके से होगी और इसमें राज्य भर के 10 हजार से ज्यादा जिला, ब्लॉक, पंचायत और बूथ स्तर के नेता शामिल होंगे। बैठक की अध्यक्षता खुद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और डायमंड हार्बर के सांसद अभिषेक बनर्जी करेंगे।
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बैठक का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा पार्टी का नया प्रोजेक्ट मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर), इंटेलिजेंस और रिसर्च पर रहेगा। अभिषेक बनर्जी इस विभाग को सीधे देख रहे हैं और इसका मकसद हर बूथ तक सोशल मीडिया की ताकत के साथ-साथ विरोधी दलों की हर गतिविधि पर नजर रखना है। पार्टी को हाल के चुनावों में कई जिलों में कमजोर प्रदर्शन का सामना करना पड़ा है। बैठक में उन सभी जिलों को चिह्नित करके वहां प्रदर्शन सुधारने की ठोस रणनीति बनाई जाएगी।
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साथ ही यह भी तय किया जाएगा कि वोटर लिस्ट में एक भी तृणमूल समर्थक का नाम छूटने न पाए, इसके लिए घर-घर जाकर विशेष अभियान चलाया जाएगा। मतुआ बहुल इलाकों और उत्तर बंगाल के सभी जिलों को सबसे ऊपर प्राथमिकता दी जाएगी, क्योंकि इन क्षेत्रों में पार्टी को अभी और मजबूती चाहिए। सभी सांसदों, विधायकों और बड़े नेताओं के पिछले छह महीनों के कामकाज की सख्त समीक्षा होगी। जो नेता मैदान में सक्रिय नहीं दिखे, उन्हें साफ चेतावनी दी जाएगी।
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सूत्रों के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से निर्देश मिलने के बाद ही सारी रणनीति तैयार कर उसे धरातल पर उतारने की दिशा में काम किया जा रहा है। पार्टी का मानना है कि 2024 लोकसभा चुनाव की हार के बाद अब 2026 के विधानसभा चुनाव तक कोई ढील नहीं बरती जा सकती। बैठक के बाद हर जिले में तुरंत काम शुरू करने के सख्त निर्देश दिए जाएंगे। जानकारी के मुताबिक, यह पहली बार है जब तृणमूल इतने बड़े पैमाने पर वर्चुअल बैठक करके पूरे संगठन को एक साथ जोड़ रही है और हर स्तर के नेता को सीधे जिम्मेदारी सौंप रही है।
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