
आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी ने उत्तर प्रदेश में योगी सरकार में मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आज बलिया के रसड़ा में राजभर के आवास और पार्टी के प्रधान कार्यालय पर एबीवीपी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और राजभर का पुतला भी फूंका।
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एबीवीपी कार्यकर्ता राजभर द्वारा संगठन के कार्यकर्ताओं को कथित रूप से 'गुंडा' कहे जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि राजभर के बेटे और सुभासपा के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव अरविंद राजभर ने दावा किया कि उनके पिता ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं को गुंडा नहीं कहा।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि एबीवीपी कार्यकर्ता गुरुवार को ओम प्रकाश राजभर के आवास और पार्टी के प्रधान कार्यालय पहुंचे। उन्होंने घर के सामने तकरीबन एक घंटे तक धरना-प्रदर्शन किया और मंत्री का पुतला जलाया। इस दौरान परिषद कार्यकर्ताओं ने मंत्री के घर में घुसने का भी प्रयास किया। उन्हें रोकने की कोशिश पर पुलिसकर्मियों से उनकी झड़प भी हो गई।
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इस दौरान परिषद के कार्यकर्ता ‘ओम प्रकाश राजभर मुर्दाबाद’ और ‘छात्रों के सम्मान में एबीवीपी मैदान में’ जैसे नारे लगा रहे थे। इस मौके पर एबीवीपी नेता विकास पांडेय ने राजभर पर अनर्गल बयानबाजी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मंत्री राजभर ने छात्रों को गुंडा बोलकर विद्यार्थियों का ही नहीं, बल्कि एक राष्ट्रवादी संगठन का भी अपमान किया है। राजभर को तत्काल सरकार से बर्खास्त किया जाए।
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इस बीच, ओमप्रकाश राजभर के बेटे और एसबीएसपी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव अरविंद राजभर ने दावा किया कि उनके पिता ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं को गुंडा नहीं कहा। अरविंद ने कहा कि मंत्री राजभर ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को गुंडा नहीं कहा। उन्होंने कहा, ‘‘मंत्री जी के बयान का विश्लेषण किया जाए तो उन्होंने संवैधानिक और लोकतांत्रिक व्यस्था के अंतर्गत प्रदर्शन करने को कहा था। मंत्री जी ने अपने बयान में कहीं भी गुंडे शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है।’’
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पार्टी के प्रमुख महासचिव ने कहा, ‘‘मीडिया ने पंचायत राज मंत्री के बयान को गलत तरीके से उद्धत किया है। गुंडागर्दी गलत भाषा है, और असंसदीय भी है।’’ उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर मीडिया को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस प्रदर्शन के लिए मीडिया दोषी है।
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अरविंद राजभर ने बाराबंकी के श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय में प्रदर्शन करने पर पुलिस लाठीचार्ज का जिक्र करते हुए छात्रों का समर्थन किया और कहा, ‘‘विद्यार्थी लोकतांत्रिक तरीके से ही प्रदर्शन कर रहे थे। उनकी मांग जायज थी। प्रशासन को किसने लाठीचार्ज का अधिकार दे दिया। दोषी तो प्रशासन है।’’ बाराबंकी में श्री रामस्वरूप विश्वविद्यालय में बगैर मान्यता के विधि पाठ्यक्रम संचालित किए जाने का विरोध कर रहे छात्रों पर पुलिस ने सोमवार को लाठीचार्ज किया था, इसमें कई छात्र घायल हो गए थे। परिषद के कार्यकर्ता भी इस प्रदर्शन में शामिल थे।
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