विज्ञान

Google I/O 2025: AI के जरिए सर्च इंजन में बड़ा बदलाव, जानिए कैसे Beam के साथ वीडियो कॉलिंग का तरीका बदलने जा रहा गूगल?

गूगल प्रोजेक्ट स्टारलाइन को अब गूगल बीम के नाम से जाना जाएगा। यह नया प्लेटफॉर्म यूजर्स को एक-दूसरे से 3डी अनुभव के माध्यम से जुड़ने की सुविधा देता है, जहां 2डी वीडियो स्ट्रीम को 3डी में बदला जाता है।

फोटो: गूगल
फोटो: गूगल 

गूगल ने मंगलवार को अपने सर्च इंजन के कायाकल्प को गति देने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) टेक्नॉलॉजी का एक और चरण शुरू किया है, जो लोगों के सूचना प्राप्त करने के तरीके को बदल रहा है और वेबसाइटों पर इंटरनेट ट्रैफिक के प्रवाह को कम कर रहा है।

गूगल के वार्षिक डेवलपर्स सम्मेलन में इस अगले चरण का उल्लेख किया गया जिसमें अमेरिका में एक नया ‘एआई मोड’ विकल्प जारी करना शामिल है।

यह सुविधा गूगल के सर्च इंजन के साथ बातचीत को किसी विशेषज्ञ के साथ बातचीत करने जैसा बनाती है जो लगभग किसी भी विषय पर सवालों के जवाब देने में सक्षम है। इसके साथ ही प्रोजेक्ट स्टारलाइन का नाम बदल कर गूगल बीम कर दिया गया है। इसमें भी कई बड़े बदलाव हुए हैं।

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बीम से बदल जाएगा वीडियो कॉल का तरीका

इसके साथ ही गूगल ने अपने प्रोजेक्ट स्टारलाइन को एक नया नाम दे दिया है। नाम के साथ इसके फीचर्स में भी बदलाव हुए हैं। गूगल प्रोजेक्ट स्टारलाइन को अब गूगल बीम के नाम से जाना जाएगा। यह नया प्लेटफॉर्म यूजर्स को एक-दूसरे से 3डी अनुभव के माध्यम से जुड़ने की सुविधा देता है, जहां 2डी वीडियो स्ट्रीम को 3डी में बदला जाता है यानी वीडियो कॉल के दौरान 2डी वीडियो को 3डी में बदला जा सकेगा। बीम का उद्देश्य है ज्यादा प्राकृतिक, आंखों से आंख मिलाने वाला और वास्तविक गहराई वाला संचार अनुभव देना, खासकर प्रोफेशनल या इंटरप्राइज उपयोगकर्ताओं के लिए। यह गूगल क्लाउड और गूगल की एआई क्षमताओं का उपयोग करता है।

गूगल ने सबसे पहले प्रोजेक्ट स्टारलाइन को गूगल I/O 2021 में पेश किया था। इसका उद्देश्य था यूजर्स को वास्तविक आकार में 3डी में दिखाना, जिसमें प्राकृतिक रूप से आंखों से संपर्क और स्थानिक ऑडियो शामिल था, हालांकि यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से बाजार में नहीं उतर पाया, लेकिन उसी तकनीक को अब गूगल बीम के रूप में फिर से डिजाइन किया गया है।

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 एआई के साथ सर्च इंजन का कायाकल्प करने की तैयारी

कंपनी द्वारा ‘लैब्स डिवीजन’ के सीमित दर्शकों के साथ परीक्षण शुरू करने के महज ढाई महीने बाद ही अमेरिका में सभी के लिए एआई मोड की पेशकश की जा रही है।

गूगल अपने नवीनतम एआई मॉडल ‘जेमिनी 2.5’ को भी अपने खोज एल्गोरिदम में शामिल कर रहा है और जल्द ही अन्य एआई सुविधाओं का परीक्षण शुरू करेगा, जैसे कि स्वचालित रूप से संगीत समारोहों के लिए टिकट खरीदना और लाइव वीडियो के माध्यम से खोज करने की क्षमता आदि।

यह विस्तार एक वर्ष पहले शुरू हुए परिवर्तन पर आधारित है, जिसमें ‘एआई ओवरव्यूज’ (एआई अवलोकन) नामक संवादात्मक सारांशों की शुरुआत की गई थी, जो इसके परिणाम पृष्ठ के शीर्ष पर दिखाई देने लगे हैं और वेब लिंक की इसकी पारंपरिक रैंकिंग को प्रभावहीन कर रहे हैं।

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करीब डेढ़ अरब लोग नियमित रूप से ‘एआई ओवरव्यूज’ का कर रहे इस्तेमाल

गूगल के अनुसार, अब करीब डेढ़ अरब लोग नियमित रूप से ‘एआई ओवरव्यूज’ का इस्तेमाल कर रहे हैं और अधिकतर उपयोगकर्ता अब लंबे और अधिक जटिल सवाल पूछ रहे हैं।

गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कंपनी के माउंटेन व्यू, कैलिफोर्निया स्थित मुख्यालय के पास एक एंफीथियेटर में लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘इस सारी प्रगति का मतलब यह है कि हम एआई प्लेटफॉर्म बदलाव के एक नए चरण में हैं, जहां दशकों का अनुसंधान अब दुनिया भर के लोगों के लिए वास्तविकता बन रहा है।’’

हालांकि पिचाई और अन्य गूगल अधिकारियों ने पूर्वानुमान व्यक्त किया था कि एआई ओवरव्यूज से अधिक खोजों को बढ़ावा मिलेगा और अंततः अन्य साइटों पर अधिक क्लिक होंगे, लेकिन ‘ब्राइटएज’ नामक संस्था के निष्कर्षों के अनुसार, अभी तक ऐसा नहीं हुआ है।

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इस महीने की शुरुआत में एक मुकदमे की सुनवाई में, एप्पल के पदाधिकारी एडी क्यू ने कहा था कि आईफोन निर्माता कंपनी के सफारी ब्राउजर के माध्यम से की जाने वाली गूगल खोजों में गिरावट आ रही है क्योंकि अधिकाधिक लोग एआई-संचालित विकल्पों का रुख कर रहे हैं।

गूगल ने एआई के उदय के कारण होने वाली उथल-पुथल को इस बात के मुख्य कारणों में से एक बताया था कि उसे अपने खोज इंजन को संचालित करने के तरीके में केवल अपेक्षाकृत मामूली बदलाव करने की आवश्यकता होनी चाहिए क्योंकि प्रौद्योगिकी पहले से ही प्रतिस्पर्धी परिदृश्य को बदल रही है।

लेकिन अब तक गूगल की एआई पर अधिक निर्भरता उसके खोज इंजन को इंटरनेट के मुख्य प्रवेश द्वार के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखने में सक्षम बनाती है।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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