
भारतीय टेनिस स्टार रोहन बोपन्ना ने शनिवार को पेशेवर खेल से संन्यास की घोषणा कर दी। इसी के साथ उनके दो दशक से भी ज्यादा लंबे करियर का अंत हो गया है।
रोहन बोपन्ना ने इंस्टाग्राम स्टोर पर संन्यास की घोषणा करते हुए लिखा, "अलविदा... पर अंत नहीं। आप किसी ऐसी चीज को कैसे अलविदा कहेंगे, जिसने आपके जीवन को एक अर्थ दिया? हालांकि, टूर पर 20 अविस्मरणीय वर्षों के बाद, अब समय आ गया है। मैं आधिकारिक तौर पर अपना संन्यास ले रहा हूं।"
उन्होंने लिखा, "जब मैं यह लिख रहा हूं, मेरा दिल एक साथ भारी भी है और आभारी भी। मैंने भारत के कूर्ग जैसे छोटे से शहर से अपनी यात्रा शुरू की। मैंने सर्व को मजबूत करने के लिए लकड़ी के लट्ठे काटे, स्टैमिना बढ़ाने के लिए कॉफी के बागानों में दौड़ा। आज दुनिया के सबसे बड़े एरीना की रोशनी में खड़ा होना किसी सपने जैसा लगता है।"
स्टार खिलाड़ी ने लिखा, "टेनिस मेरे लिए सिर्फ एक खेल नहीं रहा। इसने मुझे दिशा दी जब मैं भटका हुआ था, हिम्मत दी जब मैं टूटा था, और विश्वास दिलाया जब दुनिया ने मुझ पर शक किया। हर बार जब मैं कोर्ट पर उतरा, इस खेल ने मुझे धैर्य सिखाया, गिरकर दोबारा उठने की ताकत दी और तब लड़ना सिखाया जब अंदर से हार मान लेने का मन हुआ। सबसे बढ़कर, इसने मुझे हमेशा याद दिलाया मैंने क्यों शुरुआत की थी और मैं कौन हूं।"
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इंग्लैंड और न्यूजीलैंड ने महिला वनडे विश्व कप के फाइनल में अपने तीसरे प्रयास में खिताबी सूखे को खत्म किया था और कुछ ऐसी ही स्थिति भारतीय महिला टीम की है जो रविवार को यहां अपने तीसरे विश्व कप फाइनल में दक्षिण अफ्रीका की चुनौती का सामना करेगी।
दक्षिण अफ्रीका का यह महिला विश्व कप का पहला फाइनल है। भारतीय टीम इससे पहले मिताली राज की अगुवाई में 2005 और 2017 में विश्व कप के फाइनल में पहुंच चुकी है। साल 2005 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गये विश्व कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 98 रन से हराया था जबकि 2017 में इंग्लैंड ने घरेलू सरजमीं पर रोमांचक फाइनल में भारत पर नौ रन से जीत दर्ज की की।
महिला विश्व कप के शुरुआती दो आयोजनों में विजेता का फैसला लीग चरण के अंकों के आधार पर हुआ था। जिसमें 1973 में इंग्लैंड और 1978 में ऑस्ट्रेलिया चैंपियन बना था।
विश्व कप में फाइनल मैच की प्रथा 1982 से शुरू हुई। इंग्लैंड को 1982 और 1988 में फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से शिकस्त का सामना करना पड़ा लेकिन टीम ने 1993 में न्यूजीलैंड को हराकर पहली बार विश्व कप फाइनल जीता।
न्यूजीलैंड इसके बाद 1997 में भारत में खेले गये विश्व कप के फाइनल में पहुंचा लेकिन इस बार उसे ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा। टीम ने हालांकि घरेलू सरजमीं पर साल 2000 में खेले गये विश्व कप के फाइनल में चिर-प्रतिद्वंद्वी ऑस्ट्रेलिया को हराकर इंग्लैंड की तरह ही अपने तीसरे प्रयास में सफलता हासिल की।
भारत विश्व कप में अपना तीसरा फाइनल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेलने को तैयार है।
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न्यूजीलैंड ने इंग्लैंड को तीसरे वनडे क्रिकेट मैच में 222 रन पर समेटने के बाद दो विकेट से हराकर श्रृंखला 3 . 0 से जीत ली ।
न्यूजीलैंड ने 32 गेंद बाकी रहते आठ विकेट पर 226 रन बनाये । जाक फोकेस 14 और ब्लेयर टिकनेर 18 रन बनाकर नाबाद रहे ।
न्यूजीलैंड ने पहला मैच चार विकेट से और दूसरा पांच विकेट से जीता था ।
इंग्लैंड के कप्तान हैरी ब्रूक ने जोफ्रा आर्चर, ब्रायडन कार्स और जैमी ओवरटन से सारे ओवर करा लिये थे लिहाजा निर्णायक आखिरी ओवरों में सैम कुरेन और आदिल रशीद के ही विकल्प बचे थे ।
इंग्लैंड के बल्लेबाज श्रृंखला में तीसरी बार नाकाम रहे और टीम 50 ओवरों के भीतर ही आउट हो गई । एक समय पर पहले दस ओवर के भीतर उसके चार विकेट 44 रन पर गिर गए थे । इस महीने से आस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली एशेज श्रृंखला से पहले जैमी स्मिथ, बेन डकेट, जो रूट और जैकब बेथेल का खराब फॉर्म चिंता का सबब है ।
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तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड की अनुपस्थिति में भारतीय बल्लेबाजों को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रविवार को यहां होने वाले तीसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में थोड़ी राहत मिलेगी और वह पहले से बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह को अंतिम एकादश में जगह मिल पाती है या नहीं क्योंकि उनको लगातार बाहर रखने पर सवाल उठने लग गए हैं।
सही लंबाई पर गेंद डालने में हेजलवुड की सटीकता और उछाल, भारतीय बल्लेबाजों के लिए दुःस्वप्न बन गई। ऑस्ट्रेलिया को इस महीने के आखिर में इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैच की श्रृंखला खेलनी है और उसे देखते हुए हेजलवुड को विश्राम दिया गया है।
स्टार सलामी बल्लेबाज अभिषेक शर्मा ने मेलबर्न में खेले गए दूसरे मैच के बाद कहा था, ‘‘यह निश्चित रूप से राहत की बात होगी। मैंने ऐसी गेंदबाजी का सामना पहले कभी नहीं किया।’’
ऐसी स्थिति में भारतीय बल्लेबाजों काे राहत मिलना स्वाभाविक है और वे जेवियर बार्टलेट, नाथन एलिस या सीन एबॉट जैसे गेंदबाजों का सामना करते समय अधिक आश्वस्त महसूस करेंगे।
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पाकिस्तान के पूर्व कप्तान बाबर आजम भारत के रोहित शर्मा और विराट कोहली को पीछे छोड़कर टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं।
बाबर ने शुक्रवार रात लाहौर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टी-20 मैच में 18 गेंदों पर 11 रन बनाकर यह उपलब्धि हासिल की।
बाबर ने अब तक 123 मैचों में 39.57 की औसत से 4234 रन बनाए हैं, लेकिन सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में शामिल अन्य खिलाड़ियों की तुलना में उनका स्ट्राइक रेट और छक्कों की संख्या कम है।
बाबर का स्ट्राइक रेट 128.77 है और उन्होंने 73 छक्के लगाए हैं। इस मामले में रोहित, कोहली, जोस बटलर और पॉल स्टर्लिंग उनसे आगे हैं।
रोहित का स्ट्राइक रेट 140.89 है और उन्होंने अपने करियर में 205 छक्के लगाए हैं। विराट का स्ट्राइक रेट 137.04 है और उन्होंने 124 छक्के लगाए हैं।
बटलर का स्ट्राइक रेट 148.97 है और उन्होंने 172 छक्के लगाए हैं जबकि आयरलैंड के स्टर्लिंग का स्ट्राइक रेट 134.86 है और उन्होंने 133 छक्के लगाए हैं।
पीटीआई और आईएएनएस के इनपुट के साथ
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