भारत के बैडमिंटन खिलाड़ी सतीश कुमार करुणाकरन ने बुधवार को यहां पहले दौर में डेनमार्क के एंडर्स एंटोनसन के मैच के बीच में चोटिल होने के कारण हटने पर जापान ओपन के पुरुष एकल के प्री क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। भारत के 23 साल के सतीश जब 6-1 से आगे चल रहे थे तब दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी एंटोनसन ने योकोहामा एरेना में मुकाबले के तीसरे मिनट में ही हटने का फैसला किया। दुनिया के 47वें नंबर के खिलाड़ी सतीश प्री क्वार्टर फाइनल में थाईलैंड के केंटाफोन वैंगचेरोएन से भिड़ेंगे। किरण जॉर्ज को हालांकि इस सुपर 750 टूर्नामेंट के पुरुष एकल के पहले दौर में जापान के केंता सुनेयामा के खिलाफ 19-21 14-21 से हार का सामना करना पड़ा।
सुमित रेड्डी और सिक्की रेड्डी की मिश्रित युगल जोड़ी का भी अभियान खत्म हो गई। यह जोड़ी पहले दौर में डेनमार्क के जेस्पर टॉफ्ट और एमेली मेगलुंड के खिलाफ मुकाबले के बीच से हट गई। महिला युगल में रुतुपर्णा पांडा और श्वेतपर्णा पांडा को भी पहले दौर में जूली फिन इपसेन और माई सुरो की डेनमार्क की जोड़ी के खिलाफ 34 मिनट में 8-21 14-21 से हार का सामना करना पड़ा। हाल में पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेने वाला कोई भी भारतीय खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में नहीं खेल रहा।
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पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज जहीर खान, मेंटॉरशिप भूमिका के लिए लखनऊ सुपर जायंट्स (एलएसजी) के साथ बातचीत कर रहे हैं। एलएसजी अपने कोचिंग सेटअप को और भी मजबूत करने के लिए टी 20 क्रिकेट से अच्छी तरह वाकिफ एक बेहतरीन पूर्व भारतीय खिलाड़ी को लाने की इच्छुक है। ऐसा पता चला है कि दो अन्य फ्रेंचाइजी भी विश्व कप विजेता ज़हीर को अनुबंधित करने की इच्छुक थीं। जहीर खान फिलहाल मुंबई इंडियंस में ग्लोबल डेवलपमेंट के प्रमुख थे। इससे पहले, वह 2018-2022 तक इसी फ्रेंचाइजी के क्रिकेट निदेशक थे। एलएसजी इसलिए भी जहीर को साथ लाने के लिए बेकरार है क्योंकि उनके कोचिंग स्टाफ से पूर्व दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाज मोर्ने मॉर्केल अब जा चुके हैं। दरअसल, मॉर्केल ने भारतीय क्रिकेट टीम का गेंदबाजी कोच बनने के बाद एलएसजी से अपना करार खत्म कर लिया है।
पिछले साल के अंत में गौतम गंभीर के जाने के बाद से एलएसजी बिना मेंटॉर के है। गंभीर, जो उस सपोर्ट स्टाफ ग्रुप का हिस्सा थे जिसने कोलकाता नाइट राइडर्स को इस साल अपना तीसरा आईपीएल ख़िताब दिलाने में मदद की थी। अब गंभीर भारतीय क्रिकेट टीम के प्रमुख कोच का पद संभाल चुके हैं। मेंटॉर होने के अलावा, फ्रेंचाइजी जहीर को एक व्यापक भूमिका देने की इच्छुक है, जिसमें उन्हें ऑफ सीजन के दौरान उनके स्काउटिंग और खिलाड़ी कार्यक्रमों में भी शामिल किया जाएगा, जिसके लिए बातचीत चल रही है। एलएसजी के कोचिंग सेटअप का नेतृत्व वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज जस्टिन लैंगर कर रहे हैं, जिन्होंने आईपीएल 2024 से पहले मुख्य कोच के रूप में एंडी फ्लॉवर की जगह ली थी। अपने पहले दो सीजन में प्लेऑफ में जगह हासिल करने के बाद, केएल राहुल की अगुवाई वाली एलएसजी इस साल खराब नेट रन रेट की वजह से टॉप-4 में जगह बनाने से पिछड़ गई थी।
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बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के आगाज में अभी करीब तीन महीने का समय बाकी है लेकिन इस सीरीज को लेकर जुबानी जंग शुरू हो चुकी है। दोनों ही टीमों के पूर्व और मौजूदा दिग्गज खिलाड़ी अपनी-अपनी तैयारियों, रणनीति और अनुभव का शेयर कर रहे हैं। इस कड़ी में अब ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क का नाम भी जुड़ चुका है। उन्होंने कुछ ऐसा बयान दिया है, जिससे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का रोमांच और बढ़ जाएगा। स्टार्क ने कहा कि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी एशेज के बराबर है, क्योंकि यह हमारे लिए सबसे बड़ी सीरीज है। ऑस्ट्रेलिया ने 2014/15 के बाद से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी नहीं जीती है, क्योंकि भारत ने 2018/19 और 2020/21 सीरीज में उन्हें मात दी थी। इस साल ये सीरीज पांच टेस्ट मैचों की होगी, जो 1991/92 सीजन के बाद पहली बार हो रहा है। सीरीज का पहला मैच 22 नवंबर को पर्थ में खेला जाएगा।
स्टार्क ने वाइड वर्ल्ड ऑफ स्पोर्ट्स से कहा, "इस सीरीज में भी अब पांच मैच हो चुके हैं, जो शायद एशेज सीरीज के बराबर है। हम हमेशा अपने घर में हर मैच जीतना चाहते हैं। हम जानते हैं कि भारत एक बहुत मजबूत टीम है। अभी हम जिस स्थिति में हैं, हम टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष दो टीमें हैं। "प्रशंसकों और निश्चित रूप से खिलाड़ियों के लिए यह एक बहुत ही रोमांचक श्रृंखला है। उम्मीद है कि जब हम 8 जनवरी को वहां बैठेंगे तो हमारे पास वह ट्रॉफी होगी।" स्टार्क ऑस्ट्रेलिया के लिए वनडे खेलने के लिए इंग्लैंड जाएंगे, लेकिन उन्हें मेजबान और स्कॉटलैंड के खिलाफ टी20 मैचों से आराम दिया गया है। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी नजदीक है, ऐसे में स्टार्क ने कहा कि वह टेस्ट क्रिकेट खेलने का कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहते।
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नीदरलैंड्स के पूर्व ऑलराउंडर रेयान टेन डेशकाटे जब सहायक कोच के तौर पर भारतीय टीम के साथ जुड़ रहे थे तब उन्होंने यह नहीं सोचा था कि स्पिन से निपटना उनको मिलने वाले दायित्वों में से एक होगा लेकिन अब वह भारत के आगामी घरेलू सीज़न के दौरान इस भूमिका को निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। भारत को आने वाले समय में घर पर बांग्लादेश के ख़िलाफ़ दो और न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलनी है।
टेन डेशकाटे ने टॉकस्पोर्ट क्रिकेट से कहा, "यह (स्पिन से निपटने की ज़िम्मेदारी मिलना) उन चुनौतियों में से था जिसके बारे में मैंने सोचा नहीं था। श्रीलंका में हम उम्मीदों के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाए।"
भारत ने श्रीलंका के ख़िलाफ़ तीन वनडे मैचों की श्रृंखला के दौरान अपने 27 विकेट स्पिन के ख़िलाफ़ ही गंवाए। श्रृंखला के बाद ख़ुद रोहित शर्मा ने स्वीकारा कि यह एक ऐसा पहलू है जिस पर चर्चा करने की आवश्यकता है।
टेन डेशकाटे ने कहा, "भारतीय टीम का ऐसा माइंडसेट रहा है कि वह विदेश में बेहतर करने के लिए काफ़ी उत्साहित रहती है। टीम का ध्यान ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसे देशों में बेहतर करने पर आकर्षित हुआ है। स्पिन को बेहतर ढंग से खेलना भारतीय टीम का हमेशा से मज़बूत पक्ष रहा था और यहां भारतीय टीम के प्रदर्शन में थोड़ी गिरावट आई है। मैं इसी लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा हूं कि मैं खिलाड़ियों की मदद कर सकूं ताकि भारतीय खिलाड़ी एक बार फिर दुनिया भर में स्पिन को सबसे बेहतर ढंग से खेलने वाले खिलाड़ी बन सकें।"
गौतम गंभीर के कोचिंग स्टाफ़ में टेन डेशकाटे और अभिषेक नायर सहायक कोच के रूप में शामिल हैं। 2021 में संन्यास के बाद से ही टेन डेशकाटे कोचिंग के क्षेत्र में काफ़ी सक्रिय रहे हैं। वह केंट और कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के साथ काम करने के अलावा हाल ही में हुए मेजर क्रिकेट लीग (एमएलसी) में एलए नाइट राइडर्स के साथ भी काम कर चुके हैं। इतने कम समय में इतनी अधिक भूमिकाएं निभाने के सवाल पर उन्होंने यही कहा कि उन्हें कोचिंग देने में काफ़ी आनंद आता है। वह अपनी नई भूमिका को लेकर भी पूर्ण रूप से स्पष्ट हैं।
"मुझे नहीं लगता कि इन खिलाड़ियों को किसी तकनीकी ज्ञान की आवश्कता है। हमारा काम सिर्फ़ उन्हें एक माइंडसेट देना, परिस्थितियों के प्रति सजगता के बारे में बताना, उन्हें नए आइडिया देना और माहौल को ठीक रखना होगा और यह काफ़ी महत्वपूर्ण भी है।"
टेन डेशकाटे ने एक विश्व विजेता टीम को कोचिंग देने के दौरान सामने आने वाली संभावित चुनौतियों पर भी बात की।
उन्होंने कहा, "अभी बीच में चैंपियंस ट्रॉफ़ी भी होनी है और हमारे पास तैयारी के लिए सिर्फ़ तीन वनडे शेष हैं। प्रारूपों के हिसाब से ढालना और इसके लिए टीम को तैयार करना काफ़ी चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। यह एक ऐसा टूर्नामेंट है जिसे वे (भारतीय टीम) हर हाल में जीतना चाहेंगे। जबकि इसके बाद इंग्लैंड का दौरा होगा और फिर टी20 वर्ल्ड कप (2026) सामने होगा। एक ऐसी टीम का हिस्सा बनना जो अभी अभी वर्ल्ड कप जीत कर आ रही हो, चुनौतीपूर्ण तो होता ही है लेकिन आने वाले 18 महीनों में जो लक्ष्य सामने हैं वो एक कोच के तौर पर रोमांचित करने योग्य ज़रूर हैं।"
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