चिदंबरम ने समझाया आर्थिक पैकेज का गणित, बोले- वित्तमंत्री के भाषण में गरीबों-प्रवासी मजदूरों के लिए कुछ भी नहीं 

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सरकार के आर्थिक पैकेज के ऐलान पर निशाना साधा है। चिदंबरम ने कहा कि वित्त मंत्री ने जो कुछ कहा, उसमें लाखों गरीबों, भूखे प्रवासी श्रमिकों के लिए कुछ नहीं है जो पैदल चलकर अपने घर जा रहे हैं।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

पूर्व वित्त मंत्री औक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार के आर्थिक पैकेज के ऐलान पर निशाना साधा है। पी चिदंबरम ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो कुछ कहा उसमें लाखों गरीबों, भूखे प्रवासी श्रमिकों के लिए कुछ नहीं है जो पैदल चलकर अपने घर जा रहे हैं। यह हर दिन कड़ी मेहनत करने वालों पर कुठाराघात है। इसके अलावा सरकार की तरफ से 13 करोड़ गरीब परिवारों के खाते में कैश ट्रांसफर को लेकर भी कुछ नहीं कहा गया है, जिन्हें विनाश की ओर धकेला जा रहा है।

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कांग्रेस ने केंद्र सरकार से पूछे कई सवाल

चिदंबरम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सरकार से कई सवाल भी किए हैं। चिदंबरम ने पूछा कि राजकोषीय प्रोत्साहन कहां है? लोगों की जेब में डालने के लिए पैसा कहां से आएगा? उन्होंने कहा कि यह पूरा पैकेज लगभग 3.7 लाख करोड़ रुपये का लिक्विडिटी पैकेज है, हम पूछते हैं कि कल प्रधानमंत्री द्वारा घोषित बाकी 16 लाख करोड़ रुपये कहां हैं? देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, ‘आज वित्त मंत्री ने जो कुछ भी कहा उसमें लाखों गरीबों, भूखे और तबाह प्रवासी श्रमिकों के लिए कुछ भी नहीं था। कई हजार लोग अभी भी अपने गृह राज्य वापस जा रहे हैं। यह उन लोगों के लिए एक झटका है।

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6.3 करोड़ एमएसएमई को सूखा छोड़ दिया गया है: चिदंबरम

पूर्व वित्तमंत्री ने कहा कि कल शाम, पीएम मोदी ने रुकी हुई अर्थव्यवस्था को फिर से शुरू करने के लिए आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की और कहा कि इसका आकार 20 लाख करोड़ रुपये होगा। जैसा कि अपेक्षित था, यह सिर्फ हेडलाइन और खाली पन्नों के अलावा कुछ नहीं है। चिदंबरम ने फ्रेंच इकनॉमिस्ट प्रोफेसर थॉमस पिकेटी के उस बयान का जिक्र किया जिसमें उन्होंने गरीब लोगों के खाते में कैश ट्रांसफर की बात कही थी। उन्होंने कहा कि गरीबों को पैसे की जरूरत है।

चिदंबरम ने आगे कहा कि, वित्तमंत्री सीतारमण ने एमएसएमई के लिए कुछ घोषणाएं की हैं। इस पर मेरा ये कहना है कि बड़े एमएसएमई (करीब 45 लाख) के पक्ष में ज्यादा समर्थन उपायों की घोषणा की गई है। मुझे लगता है कि 6.3 करोड़ एमएसएमई को सूखा छोड़ दिया गया है। हालांकि हम सबऑर्डिनेट लोन (20,000 करोड़ रुपये) और इक्विटी कॉरपस फंड (10,000 करोड़ रुपये) का स्वागत करते हैं. लेकिन अब भी हमें नियम और शर्तों का इंतजार है। “

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‘क्रेडिट गारंटी फंड संपूर्ण फंड नहीं है, जो वास्तव में खर्च किया जाएगा’

कांग्रेस नेता ने समझाया कि क्रेडिट गारंटी फंड संपूर्ण फंड नहीं है, जो वास्तव में खर्च किया जाएगा। यह खर्च व्यय MSMEs को बकाया गारंटीकृत क्रेडिट में NPA की सीमा तक सीमित होगा। 20-50% के एनपीए स्तर को मानते हुए, ऋणों की अवधि (जो कई साल हो सकती है) पर वास्तविक व्यय अधिकतम 3,00,000 करोड़ रुपये होगा. उन्होंने कहा कि, NBFC को 30,000 करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी भी गिनाएंगे। इसलिए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में 3,60,000 करोड़ रुपये को भी शामिल किया जाएगा।

आर्थिक पैकेज को लेकर पूर्व वित्तमंत्री ने आगे कहा, बाकी के 16.4 लाख करोड़ रुपये कहां हैं? यह सरकार अपने ही अज्ञान और भय में कैद है। सरकार को अधिक खर्च करना होगा, लेकिन वह ऐसा करने को तैयार नहीं है. सरकार को अधिक उधार लेना चाहिए, लेकिन वह ऐसा करने को तैयार नहीं है। सरकार को राज्यों को अधिक उधार लेने और अधिक खर्च करने की अनुमति देनी चाहिए, लेकिन वह ऐसा करने के लिए तैयार नहीं है।

पी चिदंबरम, पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम ने आखिर ममें कहा कि मामूली MSME पैकेज को छोड़कर, हम आज की वित्तमंत्री की तरफ से की गई घोषणाओं से निराश हैं. उन्होंने कहा कि, "मैं लिक्विडिटी से संबंधित उपायों पर टिप्पणी करने से बचता हूं. इससे समर्थन के राजकोषीय उपायों की राशि नहीं मिलती और दुनिया में कहीं भी वे राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज में शामिल या गिने नहीं जाते हैं."

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प्रधानमंत्री की घोषणा को चिदंबरम ने ब्लैंक पेज बताया था

पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार सुबह केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज पर कहा था, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमें हेडलाइन और ब्लैंक पेज (कोरा कागज) दिया है। अब देखना होगा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उस ब्लैंक पेज को कैसे भरती हैं। हम हर उस अतिरिक्त रुपए पर नजर रख रहे हैं, जो अर्थव्यवस्था में डाला जाएगा।'

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