मणिपुर हिंसा: कर्फ्यू के बावजूद इंफाल में जमा हुए लोग, PM मोदी की चुप्पी पर उठाए सवाल, कहा- विधानसभा चुनाव से पहले...

इंफाल में गुरुवार की रात इकट्ठा हुए लोगों ने मंत्रियों और बीजेपी नेताओं के खिलाफ नारेबाजी की और पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया।

प्रतीकात्मक तस्वीर
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नवजीवन डेस्क

मणिपुर की राजधानी इंफाल में कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए, हजारों लोग विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह के आवास के सामने जमा होने की कोशिश करने लगे, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। पुलिस ने कहा कि मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष के जल्द समाधान की मांग को लेकर पुरुषों और महिलाओं ने गुरुवार रात सिंह के आवास के सामने इकट्ठा होने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया।

केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में कहा था कि उनके 10 विधायकों सहित कुकी नेताओं ने आदिवासियों के लिए एक अलग राजनीतिक प्रशासन (अलग राज्य के बराबर) की मांग की। वो शुक्रवार को इंफाल से दिल्ली के लिए रवाना हुए।

मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल होने तक सेना और अर्धसैनिक बलों की तैनाती जारी रखने की मांग करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विश्वास की कमी अपने सबसे निचले स्तर पर है। मणिपुर में मंत्रियों, विधायकों, सांसदों और बीजेपी नेताओं के आवासों के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है।


इंफाल में गुरुवार की रात इकट्ठा हुए लोगों ने मंत्रियों और बीजेपी नेताओं के खिलाफ नारेबाजी की और पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया। 3 मई को यहां जातीय हिंसा शुरू होने के बाद से 70 से अधिक लोग मारे गए हैं, 300 से अधिक घायल हुए और 1,700 घर जलाए गए।

एक बुजुर्ग महिला ने मीडिया से कहा, केंद्रीय मंत्री, बीजेपी नेता विधानसभा चुनाव से पहले अक्सर आते थे। लेकिन अब उनकी चिंता मणिपुर को लेकर नहीं है। इस बीच, राज्य के अधिकांश हिस्सों में शुक्रवार को कुछ घंटों के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई, ताकि लोग जरूरी सामान खरीद सकें। तीन मई से यहां इंटरनेट बंद है। विभिन्न जिलों में विभिन्न राहत शिविरों में अभी भी 4,000 से अधिक लोग रह रहे हैं।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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