उन्नाव रेप पीड़िता ने  सीजेआई रंजन गोगोई को लिखी थी चिट्ठी, बीजेपी विधायक पर लगाए थे कई गंभीर आरोप 

उन्नाव रेप पीड़िता ने 12 जुलाई 2019 को जस्टिस रंजन गोगोई को पत्र लिखा था। पत्र में पीड़िता ने मुख्य न्यायाधीश को बताया था कि किस तरह उन्हें और उनके पूरे परिवार को धमकाया जा रहा है। पीड़िता ने आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग भी की थी।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उन्नाव रेप पीड़िता ने हादसे से करीब दो हफ्ते पहले भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को पत्र लिखकर उनसे मदद की गुहार लगाई थी। न्यूज़ एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक पीड़िता ने 12 जुलाई 2019 को जस्टिस रंजन गोगोई को पत्र लिखा था। पत्र में पीड़िता ने मुख्य न्यायाधीश को बताया था कि किस तरह उन्हें और उनके पूरे परिवार को धमकाया जा रहा है। पीड़िता ने आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग भी की थी।

मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में पीड़िता ने कहा, ‘लोग मेरे घर पर आए और मामला वापस लेने के लिए धमकाया। उन्होंने कहा कि अगर मैं ऐसा नहीं करती हूं तो पूरा परिवार को फर्जी मामलों में जेल में डाल दिया जाएगा।’

बता दें कि उत्तर प्रदेश के उन्नाव में 2017 में हुए एक गैंगरेप की पीड़िता रविवार को एक सड़क हादसे में बुरी तरह घायल हो गई थी। हादसे में उसकी मां, मौसी और कार चालक की मौत हो गई है। पीड़ित और उसके वकील की हालत गंभीर है। उनका इलाज लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर में चल रहा है। ट्रॉमा सेंटर के मीडिया इंचार्ज संदीप तिवारी के मुताबिक पीड़िता के पैर में फ्रैक्चर है और सिर में गंभीर चोट आई है। पीड़िता और वकील को वेंटिलेटर पर रखा गया है। दोनों की हालत नाजुक है लेकिन स्थिर बनी हुई है।


इस घटना को लेकर सवाल उठने लगे हैं और कई लोग इसे पीड़िता की हत्या की साजिश कह रहे हैं। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और बीएसपी चीफ मायावती ने सीधे-सीधे आरोप लगाया है कि ये पीड़िता की हत्या की साजिश हो सकती है। अखिलेश यादव ने मांग की है कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जानी चाहिए। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

पिछले साल पीड़िता ने आरोप लगाया था कि उन्नाव के बांगरमऊ से बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उसके साथ चार जून, 2017 को अपने आवास पर दुष्कर्म किया था। पीड़िता वहां अपने एक रिश्तेदार के साथ उनसे नौकरी मांगने के लिए गई थी। पीड़िता उस वक्त नाबालिग थी। कुलदीप के खिलाफ आईपीसी की धारा 363, 366, 376, 506 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज है। यूपी सरकार ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी, जिसे मंजूर कर लिया गया। फिलहाल सेंगर कई महीनों से सीतापुर जेल में बंद है।

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